प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर और देश के सबसे बड़े केबल स्टे ब्रिज को शुक्रवार को जनता के लिए खोला जाएगा। फ्लाईओवर की घोषणा से लेकर उसके लोकार्पण तक छह साल का लंबा समय लगा। निर्माण के दौरान कानूनी अड़चनें, भ्रष्टाचार के आरोप और राजनीतिक श्रेय की होड़ जैसी कई समस्याएं सामने आईं।
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MP News: प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाई ओवर में देश का सबसे बड़ा केबल स्टे ब्रिज, कल से जनता के लिए खुलेगा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Thu, 21 Aug 2025 10:59 PM IST
सार
प्रदेश के सबसे बड़े दमोह नाका–मदन महल फ्लाईओवर और देश के सबसे बड़े केबल स्टे ब्रिज का उद्घाटन 23 अगस्त को नितिन गडकरी करेंगे। छह साल में बने इस प्रोजेक्ट पर कानूनी विवाद, भ्रष्टाचार और राजनीतिक श्रेय के आरोप लगे। फ्लाईओवर से शहर को जाम से राहत मिलेगी।
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जबलपुर के इस फ्लाईओवर का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री गडकरी 23 अगस्त को करेंगे।
- फोटो : अमर उजाला
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जबलपुर के इस फ्लाईओवर का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री गडकरी 23 अगस्त को करेंगे।
- फोटो : अमर उजाला
केंद्रीय मंत्री गडकरी करेंगे उद्घाटन
इस फ्लाईओवर का उद्घाटन आगामी 23 अगस्त को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। फ्लाईओवर का भूमि पूजन भी नितिन गडकरी ने 22 फरवरी 2019 को किया था। उन्होंने ही वर्ष 2016 में इस फ्लाईओवर की मंजूरी प्रदान की थी। इसकी प्रारंभिक लागत ₹758 करोड़ थी, जो निर्माण कार्य पूरा होते-होते बढ़कर ₹1,053 करोड़ तक पहुंच गई।
तीन साल में होना था तैयार
फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होना था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें दोगुना समय यानी छह साल लग गए। इस दौरान फ्लाईओवर की लंबाई भी एक किलोमीटर बढ़ा दी गई।
ये भी पढ़ें- ग्वालियर में 29-30 अगस्त को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव, सिंधिया बोले- अंचल के लिए बहुत अहम आयोजन
इस फ्लाईओवर का उद्घाटन आगामी 23 अगस्त को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। फ्लाईओवर का भूमि पूजन भी नितिन गडकरी ने 22 फरवरी 2019 को किया था। उन्होंने ही वर्ष 2016 में इस फ्लाईओवर की मंजूरी प्रदान की थी। इसकी प्रारंभिक लागत ₹758 करोड़ थी, जो निर्माण कार्य पूरा होते-होते बढ़कर ₹1,053 करोड़ तक पहुंच गई।
तीन साल में होना था तैयार
फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तीन साल में पूरा होना था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें दोगुना समय यानी छह साल लग गए। इस दौरान फ्लाईओवर की लंबाई भी एक किलोमीटर बढ़ा दी गई।
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जबलपुर के इस फ्लाईओवर का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री गडकरी 23 अगस्त को करेंगे।
- फोटो : अमर उजाला
हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
फ्लाईओवर के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में आधा सैकड़ा से अधिक याचिकाएं दायर की गईं थीं। इनमें कहा गया था कि बिना मुआवज़ा दिए मनमाने ढंग से ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा मास्टर प्लान से अधिक चौड़ाई किए जाने पर भी आपत्ति जताई गई थी।
राजनीतिक श्रेय को लेकर आरोप
फ्लाईओवर के एक हिस्से महानद्दा से मदन महल तक का शुभारंभ सितंबर 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था। विधानसभा चुनाव के दो माह पूर्व अधूरे फ्लाईओवर का उद्घाटन करने पर कांग्रेस ने भाजपा पर "विकास कार्यों में श्रेय की राजनीति" करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, जून में कांग्रेस नेता पूर्ण निर्माण के बावजूद उद्घाटन न किए जाने पर खुद फ्लाईओवर का उद्घाटन करने पहुंच गए थे। इस दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन व बल प्रयोग करना पड़ा था।
ये भी पढ़ें- हरित ऊर्जा में तेजी से आगे बढ़ रहा मध्यप्रदेश, बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बढ़ रहा है आकर्षण
फ्लाईओवर के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में आधा सैकड़ा से अधिक याचिकाएं दायर की गईं थीं। इनमें कहा गया था कि बिना मुआवज़ा दिए मनमाने ढंग से ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा मास्टर प्लान से अधिक चौड़ाई किए जाने पर भी आपत्ति जताई गई थी।
राजनीतिक श्रेय को लेकर आरोप
फ्लाईओवर के एक हिस्से महानद्दा से मदन महल तक का शुभारंभ सितंबर 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था। विधानसभा चुनाव के दो माह पूर्व अधूरे फ्लाईओवर का उद्घाटन करने पर कांग्रेस ने भाजपा पर "विकास कार्यों में श्रेय की राजनीति" करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, जून में कांग्रेस नेता पूर्ण निर्माण के बावजूद उद्घाटन न किए जाने पर खुद फ्लाईओवर का उद्घाटन करने पहुंच गए थे। इस दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन व बल प्रयोग करना पड़ा था।
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जबलपुर के इस फ्लाईओवर का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री गडकरी 23 अगस्त को करेंगे।
- फोटो : अमर उजाला
भ्रष्टाचार के लगे आरोप
उद्घाटन से पूर्व फ्लाईओवर में दरारें दिखने पर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अपर प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने 9 जनवरी 2025 को फ्लाईओवर का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया था कि फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर और डिजाइन में कोई कमी नहीं है। एक्सपेंशन जॉइंट में जो गैप आया है, वह मौसम में तापमान के अंतर (30 से 40 डिग्री) के कारण है। इससे 10 से 40 मिमी तक का एक्सपेंशन गैप बनता है। यह केवल ऊपरी सतह पर होता है, जबकि अंदर स्टील और सीमेंट की मजबूत परत मौजूद है। गैप को भरने के लिए तकनीकी टीम का सहयोग लिया जाएगा। टीम यह जांचेगी कि दरारों से पानी तो नहीं जा रहा या अन्य कोई समस्या तो नहीं है। दरारों को थीनेल, डामर और थर्मल पेंट से भरा जाएगा, ताकि वाहन चालकों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा, रोटरी के पास पत्थर इसलिए लगाए गए हैं ताकि तेज गति में आने वाले वाहन फिसलें नहीं। समय के साथ ये पत्थर ठीक से सेट हो जाएंगे।
उद्घाटन से पूर्व फ्लाईओवर में दरारें दिखने पर निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अपर प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने 9 जनवरी 2025 को फ्लाईओवर का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया था कि फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर और डिजाइन में कोई कमी नहीं है। एक्सपेंशन जॉइंट में जो गैप आया है, वह मौसम में तापमान के अंतर (30 से 40 डिग्री) के कारण है। इससे 10 से 40 मिमी तक का एक्सपेंशन गैप बनता है। यह केवल ऊपरी सतह पर होता है, जबकि अंदर स्टील और सीमेंट की मजबूत परत मौजूद है। गैप को भरने के लिए तकनीकी टीम का सहयोग लिया जाएगा। टीम यह जांचेगी कि दरारों से पानी तो नहीं जा रहा या अन्य कोई समस्या तो नहीं है। दरारों को थीनेल, डामर और थर्मल पेंट से भरा जाएगा, ताकि वाहन चालकों को कोई असुविधा न हो। इसके अलावा, रोटरी के पास पत्थर इसलिए लगाए गए हैं ताकि तेज गति में आने वाले वाहन फिसलें नहीं। समय के साथ ये पत्थर ठीक से सेट हो जाएंगे।

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