शबनम वीरमानी की कबीर यात्रा का कार्यक्रम भीलवाड़ा के अग्रवाल उत्सव भवन में आयोजित किया गया। गौसेवा परिवार की ओर से आयोजित इस कबीर यात्रा में हजारों लोगों ने पहुंचे। शबनम के सुरीले संगीत के बीच करीब ढाई घंटे तक खचाखच भरा पांडाल कबीर यात्रा का आनंद लेता रहा। इस दौरान केजी कदम ने शबनम को एक स्केच भी भेंट किया।
शबनम विरमानी ने हाथ में पांच तारों वाला तंबूरा लेकर कबीर के विचारों वाले लोकगीतों को सुरों के मोतियों में पिरोया तो पांडाल में बैठा हर व्यक्ति झूमने लगा। उन्होंने अपने भजन की शुरुआत कबीर के दोहे से की और उसका अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा, दुनिया केवल दशरथ के बेटे राम तक उलझ कर रह जाती है, जबकि राम तो घट-घट में विराजमान हैं। भगवान राम परंपरा हैं...राम जीवन जीने का तरीका हैं।
कबीर यात्रा के कार्यक्रम में उन्होंने राम बिना रे कोई धाम नहीं..., सकल हंस में राम बिराजे..., सब ब्रह्माण्ड में जोत का बासा...,राम को सुमिरो दूजा नहीं..., तीन गुण पर तेज हमारा..., पांच तत्व पर जोत जले..., जिनका उजाला चैदह लोक में... और सूरत डोर आकाश चढ़े सहित कई भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बता दें कि शबनम विरमानी ‘द कबीर प्रोजेक्ट’ के जरिए कबीर के विचारों को लोगों को पहुंचाने का काम कर रही हैं। राजस्थान यात्रा और मालवा यात्रा के सफल प्रयोग के बाद शबनम विरमानी देशभर में कबीर के विचारों को जीवंत कर रही हैं। शबनम विरमानी एक फिल्म निर्माता और बेहद ही उम्दा गायक हैं। उनकी फिल्मों को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।
शबनम कहती हैं कि, 15वीं शताब्दी के संत कबीर ने हिंदू, मुस्लिम, सिख और सभी को अपने विचारों से प्रभावित किया। उन्होंने कहा, ईश्वर न कैलाश में हैं और न काबा में, वह तो घट-घट में विराजमान हैं। कबीर की संपत्ति उनके दोहे उनके विचार और उनकी वाणी है। जिसे कभी किसी किताब में नहीं उतारा गया। कबीर के विचारों को लोगों ने गाकर और किस्सागोई करके वर्षों तक जीवित रखा है।