Diwali Puja Samagri: दिवाली 'प्रकाश का पर्व' है, जो कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसका इंतजार लोग सालभर करते हैं। इस दिन नए कार्य की शुरुआत से लेकर घरों व मंदिरों में धार्मिक कार्य किए जाते हैं, जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस साल 31 अक्तूबर 2024 को दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर 01 नवंबर 2024 को भी दिवाली मनाई जाएगी।
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Diwali Laxmi Puja Samagri: दिवाली पर इन चीजों से करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मेघा कुमारी
Updated Thu, 31 Oct 2024 07:17 AM IST
सार
Diwali Puja Samagri: दिवाली 'प्रकाश का पर्व' है, जो कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जिसका इंतजार लोग सालभर करते हैं।
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दिवाली पूजा सामग्री की लिस्ट
- फोटो : Amar Ujala
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Diwali 2024
- फोटो : Adobe stock
दिवाली पूजा सामग्री की लिस्ट
- हल्दी
- दीपावली की सजावट का सारा सामान
- प्रसाद के लिए मिठाई मंगा लें
- फूल और पान
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Diwali 2024
- फोटो : adobe
- रंगोली के लिए रंग
- भगवान गणेश और लक्ष्मी माता की तस्वीर या मूर्ति
- रूई की बत्ती
- ताजे फूल
- लाइट्स
- भगवान के वस्त्र
Diwali 2024
- फोटो : adobe
- साबुत नारियल
- अगरबत्ती
- पीतल का दीपक
- कलावा
- मंत्र की किताब
- दीए जलाने के लिए तेल या घी
- रोली
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Diwali 2024
- फोटो : Adobe stock
- चावल
- चांदी का सिक्का
- सभी भगवानों के श्रृंगार का सामान
- मिट्टी के छोटे दीए
- शुभ-लाभ
- कपड़े
- गिफ्ट
- बंधनवार
- तोरण
- फूलों की लड़ियां
- आरती की किताब। यदि किताब न हों, तो आप यहां से भी मां लक्ष्मी की आरती पढ़ सकते हैं।
मां लक्ष्मी की आरती
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

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