Govardhan Puja Samagri List: हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। यह दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला त्योहार है। इस साल ये पर्व 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके साथ ही गोवर्धन महाराज, गाय, वरुण देव, इंद्र देव और अग्नि आदि देवताओं की भी पूजा का विधान है। यह त्योहार सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ा है। ऐसे में लोग इस दिन प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। मान्यता के अनुसार इस दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली से उठा लिया था और सभी ब्रजवासियों को इंद्र देव के प्रकोप से बचा लिया था। इस दिन भगवान कृष्ण को अनाज से बना भोग लगाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। इस दौरान पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की सामग्री लिस्ट...
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Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के लिए जरूरी है ये सामग्री, यहां देखें पूरी लिस्ट
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Fri, 01 Nov 2024 01:52 PM IST
सार
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण को अनाज से बना भोग लगाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। इस दौरान पूजा के लिए कुछ आवश्यक सामग्री की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा की सामग्री लिस्ट...
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Govardhan Puja 2024
- फोटो : Amar Ujala
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गोवर्धन पूजा
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गोवर्धन पूजा सामग्री (Govardhan Puja Samagri List)
रोली
चावल
अक्षत
बताशे
थाली
धूप
तेल का दीपक
कलश में जल
गंगाजल
पान
फूल
केसर
नैवेद्य
मिठाई
दही
शहद
खीर
गोवर्धन पर्वत का चित्र
रोली
चावल
अक्षत
बताशे
थाली
धूप
तेल का दीपक
कलश में जल
गंगाजल
पान
फूल
केसर
नैवेद्य
मिठाई
दही
शहद
खीर
गोवर्धन पर्वत का चित्र
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govardhan puja
- फोटो : freepik
गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है?
गोवर्धन पूजा का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और प्रकृति को समर्पित होता है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। साथ ही जगह-जगह भंडारे होते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन महिलाएं भोर में गोबर से गोर्वधन की आकृति बनाकर उनकी पूजा करती हैं और परिक्रमा की जाती है। पूजन के बाद प्रसाद के रूप में भोजन लोगों में बांटा जाता है। इसके अलावा इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का भी बहुत महत्व है। माना जाता है कि इससे कृष्ण भगवान की विशेष कृपा मिलती है।
गोवर्धन पूजा का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और प्रकृति को समर्पित होता है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। साथ ही जगह-जगह भंडारे होते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन महिलाएं भोर में गोबर से गोर्वधन की आकृति बनाकर उनकी पूजा करती हैं और परिक्रमा की जाती है। पूजन के बाद प्रसाद के रूप में भोजन लोगों में बांटा जाता है। इसके अलावा इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का भी बहुत महत्व है। माना जाता है कि इससे कृष्ण भगवान की विशेष कृपा मिलती है।
govardhan puja
- फोटो : freepik
गोवर्धन पूजा पर अन्नकूट उत्सव
गोवर्धन पूजा को अन्न कूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में अन्न कूट का आयोजन किया जाता है। अन्न कूट में कई प्रकार के अन्न का मिश्रण होता है, जिसे भगवान कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। कई लोग इस दिन विशेष रूप से बाजरे की खिचड़ी बनाते हैं।
गोवर्धन पूजा को अन्न कूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में अन्न कूट का आयोजन किया जाता है। अन्न कूट में कई प्रकार के अन्न का मिश्रण होता है, जिसे भगवान कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। कई लोग इस दिन विशेष रूप से बाजरे की खिचड़ी बनाते हैं।
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govardhan puja
- फोटो : freepik
गोवर्धन पूजा भोग
गोवर्धन पूजा के दिन खाद्य सामग्रियों से पर्वत बनाकर श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है। इसे अन्न का पर्वत कहा जाता है। इस भोग में चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियां, कढ़ी और तरह-तरह के व्यंजन होते हैं। भोग लगाने के बाद सभी लोगों में प्रसाद के तौर पर यह बांटा जाता है और इसी तरह गोवर्धन पूजा संपन्न होती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
गोवर्धन पूजा के दिन खाद्य सामग्रियों से पर्वत बनाकर श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है। इसे अन्न का पर्वत कहा जाता है। इस भोग में चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियां, कढ़ी और तरह-तरह के व्यंजन होते हैं। भोग लगाने के बाद सभी लोगों में प्रसाद के तौर पर यह बांटा जाता है और इसी तरह गोवर्धन पूजा संपन्न होती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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