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Karwa Chauth 2025: बादलों में छिप जाए करवा चौथ का चांद, तो न हो परेशान, इस विधि से खोलें अपना व्रत

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Thu, 09 Oct 2025 02:05 PM IST
सार

Karwa Chauth Par Chand Na Dikhne Par Kya Karein: कई बार चंद्रमा बादलों या अन्य कारणों से दिखाई नहीं देता, जिससे व्रत खोलना महिलाओं के लिए कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्रत की सही पूर्ति और धार्मिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

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Karwa Chauth 2025 Simple Remedies If Moon Sighting Gets Delayed
करवा चौथ 2025 - फोटो : अमर उजाला

Karwa Chauth Moon Not Visible: करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति का एक बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूरे दिन भोजन न करके और अपने संकल्प की शक्ति को मजबूत बनाए रखकर, शाम को चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं। इस वर्ष करवा चौथ 10 अक्तूबर  को मनाया जाएगा।


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हालांकि, कई बार चंद्रमा बादलों या अन्य कारणों से दिखाई नहीं देता, जिससे व्रत खोलना महिलाओं के लिए कठिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्रत की सही पूर्ति और धार्मिक नियमों का पालन करना जरूरी होता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, यहां कुछ सरल और पारंपरिक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर महिलाएं बिना किसी चिंता के अपने व्रत का सफलतापूर्वक समापन कर सकती हैं। आइए, जानते हैं व्रत खोलने की विधि। 
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करवा चौथ पूजा - फोटो : Adobe

करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है?
करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि यह पति की लंबी उम्र, उनका खुशहाल जीवन और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कामना का प्रतीक है। चंद्रमा को शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन का पर्याय माना जाता है। चंद्रमा की अराधना से मन को सुकून मिलता है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं, जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

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अगर चंद्रमा दिखाई न दे तो क्या करें? - फोटो : instagram

अगर चंद्रमा दिखाई न दे तो क्या करें?
अगर करवा चौथ की रात चंद्रमा बादलों या किसी वजह से नजर न आए, तो आप नजदीकी शिव मंदिर जाकर भगवान शिव के माथे पर सजाए गए चंद्रमा को अर्घ्य दे सकती हैं। भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा सदैव सुशोभित रहता है, इसलिए यह विधि अपनाकर भी आप अपना व्रत सफलतापूर्वक पूरा कर सकती हैं और उसका पुण्य प्राप्त कर सकती हैं।
चंद्र उदय के बाद चांदी का सिक्का या चांदी का कोई गोल टुकड़ा चंद्रमा के प्रतीक के रूप में रखकर उसे अर्पित करें। चांदी को चंद्रमा का शुभ रत्न माना जाता है, इसलिए इस विधि से भी व्रत का फल प्राप्त होता है। इस तरह, बिना चंद्रमा देखे भी आप अपने करवा चौथ के व्रत को धार्मिक रूप से पूरा कर सकती हैं।

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करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2025 को रखा जाएगा और उसी दिन पूजा-अर्चना की जाएगी। - फोटो : Adobe

करवा चौथ कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्तूबर  की रात 10:54 बजे से प्रारंभ होकर 10 अक्तूबर  की सायं करीब 7:38 बजे तक रहेगी। इसलिए इस वर्ष करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्तूबर  2025 को रखा जाएगा और उसी दिन पूजा-अर्चना की जाएगी।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष और धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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