Kharmas 2025: जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है। ये दोनों राशियां देवगुरु बृहस्पति के आधिपत्य हैं। सूर्य के प्रभाव में आने से बृहस्पति का शुभ फल कम हो जाता है, जिसके कारण इस समय को धार्मिक दृष्टि से विशेष माना जाता है। खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। यह अवधि वर्ष में दो बार आती है, पहली बार दिसंबर-जनवरी में और दूसरी बार मार्च-अप्रैल में। इस दौरान देवगुरु बृहस्पति और सूर्य की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल समय नहीं रहता।
Kharmas 2025: कब से शुरू होगा खरमास? जानें मार्च में कब लगेगा शुभ कार्यों पर विराम
Kharmas 2025: जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है। इस दौरान देवगुरु बृहस्पति और सूर्य की ऊर्जा कमजोर मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल समय नहीं रहता।
खरमास 2025 कब से शुरू होगा?
मार्च 2025 में सूर्य देव 14 मार्च को शाम 6:59 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास आरंभ होगा। इसके बाद 18 मार्च को सूर्य उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 13 अप्रैल को जब सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब खरमास समाप्त हो जाएगा।
- खरमास के दौरान मंत्र जाप और पाठ करना शुभ माना जाता है। श्री राम कथा, भागवत कथा और शिव पुराण का पाठ करें।
- इस दौरान तीर्थ यात्रा और नदी स्नान का भी महत्व है। जो लोग तीर्थ यात्रा नहीं कर सकते, वे घर पर गंगाजल से स्नान कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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