Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत श्रद्धा और भक्ति का अवसर होता है। इस दिन शिव आराधना के साथ व्रत रखने का भी विशेष महत्व है। धार्मिक ग्रंथों में व्रत को लेकर विशिष्ट नियमों का उल्लेख मिलता है, जिसमें यह बताया गया है कि इस दिन क्या सेवन करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना आवश्यक है।
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं? यहां जानें व्रत के सही नियम
धार्मिक ग्रंथों में महाशिवरात्रि के व्रत को लेकर विशिष्ट नियमों का उल्लेख मिलता है, जिसमें यह बताया गया है कि इस दिन क्या सेवन करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना आवश्यक है।
महाशिवरात्रि व्रत में क्या खा सकते हैं?
जो भक्त फलाहार व्रत रखते हैं, वे निम्नलिखित चीजों का सेवन कर सकते हैं:
- सिंघाड़े के आटे का हलवा
- कुट्टू के आटे से बनी कचौड़ी या पूरी
- सिंघाड़े के आटे की पकौड़ी
- आलू दम (सेंधा नमक के साथ बना हुआ)
- कुट्टू के चावल की खीर
- फल एवं सूखे मेवे
- मिठाई (बिना अनाज वाली जैसे मखाने की खीर, नारियल बर्फी आदि)
- दूध एवं दूध से बने पदार्थ
- ठंडाई (बादाम, सौंफ, गुलाब, काली मिर्च आदि मिश्रित पेय)
ध्यान दें कि इन खाद्य पदार्थों में सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह व्रत में मान्य होता है।
महाशिवरात्रि पर इन चीजों से करें परहेज
महाशिवरात्रि व्रत के दौरान और इस पवित्र दिन पर निम्नलिखित चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए-
मांसाहार और मदिरा – इस दिन किसी भी प्रकार के मांस, मछली या शराब का सेवन करना पूर्णतः निषिद्ध है।
तामसिक भोजन – प्याज और लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये मानसिक एवं आध्यात्मिक शुद्धता में बाधा डालते हैं।
अन्न और अनाज – व्रत रखने वाले भक्तों को गेहूं, चावल और अन्य अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
विलासितापूर्ण आचरण – व्रतधारियों को संयमित रहना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व
महाशिवरात्रि का दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पावन माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी, और भगवान विष्णु एवं ब्रह्मा ने शिवलिंग की पूजा कर इसका महत्व स्वीकार किया था। इसलिए इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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शास्त्रों में बताया गया है कि जो भक्त सच्चे मन से महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं, वे भगवान शिव की कृपा से समस्त कष्टों से मुक्त हो जाते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन रात्रि जागरण कर शिवजी का अभिषेक करने और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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