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Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर पूजा के लिए 3 खास मुहूर्त, जानें शिव जी को प्रसन्न करने की पूजा विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: मेघा कुमारी Updated Sun, 16 Nov 2025 01:14 PM IST
सार

Margashirsha Masik Shivratri 2025: हिंदू धर्म में सभी दिन शिव जी की पूजा-अर्चना के लिए खास है। परंतु प्रत्येक माह में आने वाली शिवरात्रि प्रभु को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ है। यह पवित्र दिन महादेव और माता पार्वती के प्रेम का प्रतीक है। 

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Margashirsha Masik Shivratri 2025 Date And puja muhurat know kab hai Masik Shivratri
Margashirsha Masik Shivratri 2025 - फोटो : अमर उजाला

Margashirsha Masik Shivratri 2025: हिंदू धर्म में सभी दिन शिव जी की पूजा-अर्चना के लिए खास है। परंतु प्रत्येक माह में आने वाली शिवरात्रि प्रभु को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ है। यह पवित्र दिन महादेव और माता पार्वती के प्रेम का प्रतीक है। इस तिथि पर उनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और विवाह संबंधी बाधाएं समाप्त होती हैं। इसके अलावा कन्याओं की मनचाहा साथी पाने की कामना भी भगवान शिव पूरी करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, मासिक शिवरात्रि वह तिथि है, जिस पर दान-पुण्य व अन्य शुभ कार्य करने का फल साधक को अवश्य मिलता है। यदि इस दिन शिवलिंग पर शहद चढ़ाया जाए, तो सभी मनोकामनाएं संग सेहत में भी सुधार होता है। वर्तमान में मार्गशीर्ष महीना जारी है इस माह में यह व्रत कब रखा जाएगा, आइए विस्तार से जानते हैं।

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Margashirsha Masik Shivratri 2025 Date And puja muhurat know kab hai Masik Shivratri
Margashirsha Masik Shivratri 2025 - फोटो : freepik

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025 
पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 नवंबर को सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन 19 नवंबर की सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर है। चूंकि मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में पूजा का विधान है। इसलिए मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर 2025 को मान्य होगी।

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Margashirsha Masik Shivratri 2025 Date And puja muhurat know kab hai Masik Shivratri
Margashirsha Masik Shivratri 2025 - फोटो : adobe

पूजा का शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि पर स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही आयुष्मान योग भी बना रहेगा। इस दिन सुबह 11:44 से 12:27 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस दौरान पूजा मुहूर्त यानी निशिता काल रात 11:53 से देर रात 12:43 मिनट तक रहेगा।

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Margashirsha Masik Shivratri 2025 Date And puja muhurat know kab hai Masik Shivratri
Margashirsha Masik Shivratri 2025 - फोटो : adobe

मासिक शिवरात्रि पूजन विधि

  • मासिक शिवरात्रि पर पूजा के लिए आप सबसे पहले शिव परिवार को नए वस्त्र पहनाएं। फिर एक साफ लोटे में जल, दूध, दही और शहद का मिश्रण बनाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • इस दौरान आप "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का स्मरण अवश्य करें। इसके बाद 11 या 21 बेलपत्र लेकर महादेव के नामों का जाप करें और उन्हें यह अर्पित करें। मान्यता है कि बेलपत्र से शिव जी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं। अब आप महादेव को चंदन लगाएं। शिवलिंग पर गेहूं अर्पित करें।
  • इस दौरान शमी का फूल भी चढ़ाएं। महादेव के ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।। ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।। ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग को फूल से सजाएं।
  • देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद देसी घी से दीपक जलाकर प्रभु को सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • मासिक शिवरात्रि की कथा का पाठ करें। फिर शिव परिवार की आरती करें और क्षमतानुसार दान करें।


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Margashirsha Masik Shivratri 2025 - फोटो : adobe
भगवान शिव की आरती 
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा । 
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
एकानन चतुरानन पंचानन राजे। 
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। 
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। 
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। 
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । 
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। 
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी। 
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । 
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ 
ऊँ जय शिव...॥ 
जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा। 
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा...॥

 

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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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