Pitra Dosh Remedy: शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें। यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में पितृदोष हो, तो जीवन में विघ्न बाधाएं आती ही रहती हैं। दरअसल, पितृदोष पूर्वजन्म में किए गए पाप, कर्मों का फल अथवा पितरों के श्राप के दंड को भोगना है।
Pitra Dosh Remedy: पितरों की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय, पितृदोष से भी मिलेगी मुक्ति
पीपल का पेड़ लगाएं
पितृपक्ष में पीपल का पेड़ किसी सुरक्षित स्थान अथवा मंदिर में लगाएं, और रोजाना इसमें जल डालें। पीपल का पेड़ लगाने से पहले संकल्प लें, "मैं यह पौधा अपने पूर्वजों के लिए एवं जाने-अनजाने में मेरे या परिवार के किसी अन्य सदस्यों से हुई गलतियों की माफी मांगते हुए लगा रहा हूं। इसके माध्यम से मैं अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहता हूं, और पूरे वर्ष इस पेड़ की सेवा करूंगा तथा प्रत्येक महीने की अमावस्या को भोजन दान करूंगा।" इस तरह अगले पितृपक्ष तक इस पेड़ की सेवा करें और अगले वर्ष की अमावस्या पर चारों ओर चबूतरा बनवा दें। ऐसा करने से पितृदोष कम होता है।
गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ
पितृपक्ष के सोलह दिनों तक घर में प्रतिदिन श्रीमद्भागवत गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें। इस दौरान रोजाना सूर्यास्त के समय पीपल पेड़ के नीचे दक्षिण मुखकर चार बत्ती वाला दीपक, सरसों के तेल में लोबान मिलाकर जलाएं और प्रार्थना करें कि पितर मुझे और मेरे परिवार को पितृदोष से मुक्त करें।
श्राद्ध के दौरान किसी बालक अथवा जरूरतमंद को भोजन कराएं अथवा भोजन दान भी दे सकते हैं। भोजन देने से पहले संकल्प करें कि मैं यह भोजन अपने पितरों को समर्पित करता हूं। आपका आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त हो।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
पितृपक्ष में रोजाना स्नान करने के बाद एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इससे भी पितृदोष दूर होता है। इसके अलावा आप प्रत्येक महीने की नाग पंचमी का व्रत भी एक साल तक के लिए कर सकते हैं।

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