Pradosh Vrat 2026: हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार यह व्रत 1 जनवरी 2026 को रखा जाएगा। यह साल का पहला दिन है, इसलिए इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना और भी लाभकारी है। मान्यता है कि, प्रदोष व्रत पर उपवास रखने पर साधक को मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना भी पूर्ण होती हैं। शास्त्रों में प्रदोष व्रत महादेव की असीम कृपा के लिए जाना जाता है। यदि त्रयोदशी तिथि पर सच्चे भाव से केवल भोलेनाथ को दूध चढ़ाया जाए, तो वह शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं। इसके प्रभाव से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव भी नजर आते हैं। परंतु कुछ उपाय करने से व्यक्ति के अटके काम पूरे, करियर में तरक्की और मन में प्रसन्नता बनी रहती हैं। ऐसे में आइए प्रदोष व्रत से जुड़े इन उपायों को जानते हैं।
Pradosh Vrat 2026: 1 जनवरी पर प्रदोष व्रत का संयोग, इन सरल उपायों से करें शिव शंकर को प्रसन्न
Pradosh Vrat 2026: प्रदोष व्रत पर उपवास रखने पर साधक को मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना भी पूर्ण होती हैं।
प्रदोष व्रत
- पंचांग के मुताबिक, पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 31 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी।
- इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 1 जनवरी 2026 को देर रात 10 बजकर 22 मिनट पर होगा।
- तिथि के मुताबिक, 1 जनवरी को प्रदोष व्रत मान्य होगा, जो पौष माह का अंतिम लेकिन साल 2026 का पहला प्रदोष व्रत होगा।
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- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को 11 बेलपत्र अर्पित करें। इस दौरान प्रभु को चंदन भी लगाएं और एक शमी का फूल अर्पित करें। इसके बाद दोनों हाथों से प्रार्थना करें और शिव परिवार की विधि अनुसार उपासना करें। इसके प्रभाव से तनाव में कमी और महादेव की कृपा प्राप्त होती हैं।
- साल के पहले दिन प्रदोष व्रत होने के कारण आप इस तिथि पर महादेव को शहद, घी और दही चढ़ाएं। इस दौरान ऊँ नम: शिवाय।। मंत्र का स्मरण करें। इससे आपके अटके काम पूरे और जीवन में एक नई शुरुआत करने में कामयाबी मिल सकती हैं।
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- प्रदोष व्रत के दिन सुबह शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाएं। इस दौरान शिव जी की आरती भी करें और फिर ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।। मंत्र का उच्चारण करें। इसके प्रभाव से मन से सभी तरह के डर भय की समाप्ति होती हैं।
- प्रदोष व्रत पर आप पंचामृत का भोग प्रभु को लगाएं। फिर जरूरतमंदों को अन्न दान करें। इससे भाग्योदय होता है।
- गुरु प्रदोष पर महादेव को दूध और चीनी चढ़ाएं। साथ ही विष्णु जी को केले का भोग लगाएं। मान्यता है कि, इसके प्रभाव से वह प्रसन्न होते हैं।
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