Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में सभी तिथियों का विशेष महत्व माना गया है। हालांकि, इनमें प्रत्येक महीने की ग्यारहवीं तिथि अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। मान्यता है कि, इस दिन एकादशी व्रत किया जाता है, जो सृष्टि के पालनहार विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन उनकी पूजा-अर्चना, दान-दक्षिणा या भजन-कीर्तन जैसे शुभ कार्य करने से प्रभु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके प्रभाव से घर से लेकर साधक के निजी जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यही नहीं धन की माता लक्ष्मी जी भी अपनी असीम कृपा बरसाती हैं। वर्तमान में पौष महीना जारी है और इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 30 दिसंबर 2025 को पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह साल 2025 की आखिरी एकादशी होगी। ऐसे में इस दिन कुछ सरल उपाय करने से प्रभु प्रसन्न हो सकते हैं। साथ ही कार्यों में आ रही रुकावटें, विवाह मार्ग बाधाएं और करियर में अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं। ऐसे में आइए इन उपायों को जानते हैं।
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Putrada Ekadashi 2025: साल की आखिरी एकादशी पर विष्णु जी को कैसे करें प्रसन्न ? जानें 5 सरल उपाय
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मेघा कुमारी
Updated Mon, 22 Dec 2025 12:55 PM IST
सार
Putrada Ekadashi 2025: इस वर्ष 30 दिसंबर 2025 को पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह साल 2025 की आखिरी एकादशी होगी। ऐसे में इस दिन कुछ सरल उपाय करने से प्रभु प्रसन्न हो सकते हैं।
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Putrada Ekadashi 2025
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इस वर्ष पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी।
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पुत्रदा एकादशी 2025
- इस वर्ष पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी।
- इस तिथि का समापन अगले दिन 31 दिसंबर की सुबह 5 बजे होगा।
- इसलिए 30 दिसंबर 2025 को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।
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पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें।
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- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें। यह सरल उपाय करियर में तरक्की, प्रमोशन के योग और व्यापार विस्तार की बाधाओं को दूर करता है। साथ ही मानसिक शांति भी बनी रहती हैं।
- पुत्रदा एकादशी के दिन आप पान के पत्ते पर 'ॐ विष्णवे नमः' लिखकर विष्णु जी के चरणों में चढ़ाएं। यह शुभ होता है। मान्यता है कि, इस सरल उपाय से प्रभु प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। पूजा के बाद इस पत्ते को आप अपनी तिजोरी में रख लें। इससे आर्थिक उन्नति भी होती हैं।
एकादशी के दिन विष्णु जी को केले का भोग लगाएं।
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- एकादशी के दिन विष्णु जी को केले का भोग लगाएं। इसके बाद गाय को घी चुपड़ी हुई रोटी पर गुड़ रखकर खिला दें। मान्यता है कि, यह सरल उपाय संतान के जीवन में सुख-समृद्धि से लेकर उनकी खुशियों में वृद्धि करता है।
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एकादशी पर आप पीपल के पेड़ के नीचे तेल का एक दीपक जलाएं।
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- पुत्रदा एकादशी पर आप तीन तुलसी के पत्ते पर 11 बार 'श्री' का जाप करके भगवान विष्णु को अर्पित करें। इस इसके बाद शाम को तुलसी के पास दीपक जलाकर उनकी पूजा भी करें। यह सरल उपाय बरकत के योग का निर्माण करता है।
- एकादशी पर आप पीपल के पेड़ के नीचे तेल का एक दीपक जलाएं। इसके बाद पूजा करते हुए आप 'ऊँ नमो नारायणाय नमः' मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि, इससे भगवान विष्णु की कृपा मिलती हैं। साथ ही व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 5:24 से 06:19
- प्रातः सन्ध्या- सुबह में 5:51 से 07:13
- अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12:3 से 12:44
- विजय मुहूर्त- दोपहर में 2:07 से 02:49
- निशिता मुहूर्त- रात 11:57 से सुबह 12:51
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।