Kharmas 2024: खरमास हिंदू धर्म में ऐसा समय होता है जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं। यह घटना हर साल दो बार होती है। खरमास को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना गया है, इसलिए इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे अन्य शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह समय भगवान की भक्ति, पूजा-पाठ और आत्मशुद्धि के लिए सर्वोत्तम होता है।
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Kharmas 2024: जल्द लगने जा रहा है खरमास, जानिए इस दौरान तुलसी पूजा का महत्व
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Wed, 27 Nov 2024 11:24 AM IST
सार
खरमास को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना गया है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे अन्य शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है, लेकिन इस दौरान तुलसी पूजा, सूर्य को अर्घ्य देने और भगवान विष्णु की उपासना का महत्व अधिक बताया जाता है।
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खरमास 2024 कब शुरू हो रहा है?
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खरमास में पूजा का महत्व
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खरमास में पूजा का महत्व
खरमास के दौरान पूजा-पाठ को अत्यधिक शुभ माना गया है। इस समय नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है और इसे शांत करने के लिए पूजा और विशेष कर्मकांड आवश्यक होते हैं। तुलसी पूजा इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। तुलसी की नियमित पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार पर आने वाले संकटों दूर हो जाते हैं।
खरमास के दौरान पूजा-पाठ को अत्यधिक शुभ माना गया है। इस समय नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है और इसे शांत करने के लिए पूजा और विशेष कर्मकांड आवश्यक होते हैं। तुलसी पूजा इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। तुलसी की नियमित पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार पर आने वाले संकटों दूर हो जाते हैं।
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तुलसी पूजा का महत्व
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तुलसी पूजा का महत्व
तुलसी में प्रतिदिन जल चढ़ाना और दीपक जलाना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि तुलसी पूजन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
तुलसी में प्रतिदिन जल चढ़ाना और दीपक जलाना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि तुलसी पूजन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
तुलसी पूजा के नियम और सावधानियां
- फोटो : Freepik.com
तुलसी पूजा के नियम और सावधानियां
खरमास के दौरान तुलसी पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है
खरमास के दौरान तुलसी पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है
- तुलसी को सुबह जल अर्पित करना चाहिए और शाम को दीपक जलाना चाहिए।
- इस समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
- इस दौरान तुलसी पर सिंदूर या सुहाग सामग्री चढ़ाने से बचें।
- तुलसी के आसपास स्वच्छता बनाए रखें और प्रतिदिन उसकी आरती करें।
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खरमास का आध्यात्मिक महत्व
- फोटो : Adobe stock
खरमास का आध्यात्मिक महत्व
खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक लगाना एक आध्यात्मिक संदेश है। यह समय आत्ममंथन, ध्यान और भगवान की भक्ति में बिताने का होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में किए गए दान, जप और तप का कई गुना फल मिलता है। विशेष रूप से तुलसी पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक लगाना एक आध्यात्मिक संदेश है। यह समय आत्ममंथन, ध्यान और भगवान की भक्ति में बिताने का होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में किए गए दान, जप और तप का कई गुना फल मिलता है। विशेष रूप से तुलसी पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
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