Tula Sankranti 2025 Upay: सूर्य का राशि परिवर्तन यानी संक्रांति का समय ज्योतिष में बेहद खास माना जाता है। इस बार 17 अक्तूबर 2025 को सूर्य देव अपनी चाल बदलते हुए कन्या से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे तुला संक्रांति कहा जाता है। यह संक्रांति केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन स्नान, दान, सूर्य उपासना और विशेष उपायों का विशेष महत्व होता है।
Tula Sankranti 2025: तुला संक्रांति पर जरूर करें ये उपाय और मंत्र जाप, चमकेगी किस्मत
Tula Sankranti Remedies: तुला संक्रांति के दिन सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करते हैं, जो आध्यात्मिक और ज्योतिषीय रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य उपासना, मंत्र जाप और दान करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि मिलती है।


तुला संक्रांति पर क्या करें?
17 अक्तूबर 2025 को तुला संक्रांति के शुभ अवसर पर सूर्य देव का राशि परिवर्तन होगा। इस दिन सूर्य, कन्या से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन साधना, सूर्य पूजन और आत्मिक शुद्धि के लिए बेहद शुभ होता है। इस पावन समय पर अगर कुछ विशेष मंत्रों का जाप और छोटे-छोटे उपाय कर लिए जाएं, तो जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं।

सूर्य मंत्रों का जाप क्यों ज़रूरी है?
सूर्य मंत्रों का जाप न केवल करियर में तरक्की दिलाता है, बल्कि इससे सेहत, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में भी निखार आता है। सच्चे मन से किया गया मंत्र जाप कर्ज से मुक्ति दिला सकता है और जीवन में स्थिरता लाता है।

सूर्य मंत्र
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
- ॐ घृणिः सूर्याय नमः
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्याय नमः
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय सहस्रकिरणाय नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ जगद्धिताय नमः
- ॐ खगाय नमः
- ॐ अरुणाय नमः
- ॐ भानवे नमः
सूर्य गायत्री मंत्र
ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात।
पौराणिक सूर्य मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।।
वैदिक सूर्य मंत्र
ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यञ्च।
हिरण्ययेन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

तुला संक्रांति पर उपाय
- सुबह सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे व्यक्तित्व में तेज और आकर्षण बढ़ता है।
- अर्घ्य देने के बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यह मानसिक शांति देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और भय को दूर करता है।
- उगते सूर्य को प्रणाम करते हुए सूर्य नमस्कार करें। इससे शरीर स्वस्थ रहता है और मन मजबूत बनता है।
- इस दिन सूर्यदेव के लिए व्रत रखने से समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
- जब भी इस दिन किसी शुभ कार्य के लिए बाहर जाएं, पहले गुड़ और मिश्री खाकर निकलें। इससे दिन भर के कामों में सफलता मिलती है।
- तुला संक्रांति के दिन जानवरों को उनके अनुसार भोजन दें – जैसे बंदर को केला, गाय को चारा। यह पुण्य फलदायी माना जाता है।
- तांबे के बर्तन, लाल वस्त्र या उपयोगी सामान जरूरतमंदों को दान करें। इससे भाग्य चमकता है और रुके हुए कार्य बनने लगते हैं।
- इस दिन मांस, मछली, लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन से बचें। सात्विक भोजन ग्रहण करें ताकि सूर्यदेव प्रसन्न हों और घर में सकारात्मकता बनी रहे।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
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