Tulsi Vivah Puja Samagri: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाता है। यह पर्व आमतौर पर देवउठनी एकादशी के अगले दिन किया जाता है। इस दिन मां तुलसी और भगवान विष्णु (शालिग्राम जी) का विवाह रचाया जाता है। अगर आप भी इस शुभ अवसर पर तुलसी पूजा करने जा रहे हैं, तो पूजा की सही सामग्री और विधि का पालन जरूर करें ताकि आपकी पूजा सफल और फलदायी हो। आइए जानते हैं कि तुलसी विवाह पर पूजा के लिए किन चीजों का होना आवश्यक माना जाता है।
Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह में शामिल करें ये चीजें, घर में आएगी बरकत और चमकेगी किस्मत
देवउठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दिन मां तुलसी और भगवान विष्णु का विवाह रचाया जाता है। आइए जानते हैं कि तुलसी विवाह पर पूजा के लिए किन चीजों का होना आवश्यक माना जाता है।
 
     
             
            तुलसी विवाह में आवश्यक सामग्री
- तुलसी का पौधा, शालिग्राम जी या भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर
- लाल या पीला कोरा कपड़ा, पूजा की चौकी, कलश
- सोलह श्रृंगार की सामग्री, बिछुए, चुनरी, सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, काजल आदि
- मौसमी फल और सब्जियां, आंवला, बेर, मूली, सिंघाड़ा, अमरूद आदि
- नारियल, कपूर, धूप, दीप, चंदन, हल्दी की गांठ
- केले के पत्ते और गन्ना, मंडप सजाने के लिए
 
            पूजन विधि
- सबसे पहले पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और रंगोली से सजाएं।
- इसके बाद केले के पत्तों और गन्ने से मंडप तैयार करें।
- पूजा स्थल पर तुलसी का पौधा, शालिग्राम जी और भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें।
- इसके बाद मां तुलसी को सुहाग की सामग्री अर्पित करें और उन्हें दुल्हन की तरह सजाएं।
- भगवान विष्णु को वर के रूप में पूजें और गन्ना, केला, मूली, सिंघाड़ा आदि का भोग लगाएं।
- घी के 11 दीपक जलाएं, भजन-कीर्तन करें और आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।
 
            विशेष नियम 
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं। बिना तुलसी के यह भोग अधूरा माना जाता है। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना शुभ होता है। इस दिन तुलसी की 7 या 11 बार परिक्रमा करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है तथा भगवान विष्णु और माता तुलसी की कृपा प्राप्त होती है।
 
            तुलसी विवाह का पर्व सौभाग्य, समृद्धि और पारिवारिक सुख का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धा और पूर्ण विधि-विधान से किया गया यह अनुष्ठान जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
                
        
                                
        
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
                                        
                        
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        
                
        
                
         
        डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

 


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