आज वैशाख अमावस्या तिथि है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैशाख अमावस्या को धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। कुंडली में बनने वाले काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।
Vaishakh Amavasya 2021: कालसर्प दोष की मुक्ति के लिए सबसे अच्छी तिथि होती है अमावस्या
जब कुंडली में राहु और केतु के मध्य में सारे ग्रह आ जाते हैं तब कुंडली में कालसर्प दोष बनता है। कालसर्प दोष दो शब्दों को मिलाकर बना है। इसमें पहला शब्द है काल, यानि मृत्यु और दूसरा शब्द है - सर्प, जिसका तात्पर्य सांप से है। कुंडली में कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक कष्ट सहना पड़ता है। इसके साथ ही कई तरह की परेशानियां जातकों को सहना पड़ता है।
वैशाख अमावस्या के दिन कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं। इसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को धन का अभाव, संतान की हानि, दांपत्य सुख में बाधा, आजीविका में बाधा, कारागार का भय, स्वजनों से त्याग, अकाल मृत्यु आदि का भय रहता है।
- जब राहु की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर्दशा आती है।
- जब भी गोचर वशात् राहु अशुभ चलता हो।
- जब भी गोचर से कालसर्प योग की श्रृष्टि हो।
इस दोष से मुक्ति के लिए वैशाख अमावस्या के पावन दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन दूध, गंगा जल, इत्यादि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। भोलेनाथ को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें। भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।

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