Chanakya Niti For Friendship: आचार्य चाणक्य एक महान भारतीय विद्वान है, जिन्होंने 'चाणक्य नीति' जैसे बड़े ग्रंथ की रचना की है। माना जाता है कि चाणक्य एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें राजनीति, अर्थशास्त्र, चिकित्सा, युद्ध व रणनीति जैसे विषयों का ज्ञान था। उन्होंने अपने नीति शास्त्र में भी इन सभी विषयों का उल्लेख किया है, जिसका अध्ययन करने पर व्यक्ति को जीवन के प्रति नया नजरिया मिलता है।
Chanakya Niti:आचार्य चाणक्य के अनुसार, जीवन में इन चार लोगों से दोस्ती करना पड़ सकता है भारी
Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य की गणना महान विद्वानों के रूप में की जाती है, जिन्होंने 'चाणक्य नीति' जैसे बड़े ग्रंथ की रचना की है। चाणक्य ने भी अपनी चाणक्य नीति में चार प्रकार के लोगों के साथ दोस्ती न करने की सलाह दी है। आइए जानते हैं चाणक्य की इस नीति के बारे में...
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ।।
जीवन में किसी से भी दोस्ती करते समय आचार्य चाणक्य के इस श्लोक का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। इस श्लोक का अर्थ है कि हमें अपने जीवन में उन लोगों से कभी मित्रता नहीं रखनी चाहिए, जो मुंह पर मीठे परंतु पीठ पीछे कार्य को बिगाड़ते हों। आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोगों को हमेशा उस घड़े के समान त्याग देना चाहिए, जिसके मुंह पर दूध है, लेकिन अंदर विष भरा हुआ है।
कदाचित् कुपितं मित्रं सर्व गुह्यं प्रकाशयेत् ।।
इस श्लोक का अर्थ है कि हम सभी को खोटे मित्र पर भरोसा नहीं रखना चाहिए। चाणक्य के अनुसार, खोटे लोग लड़ाई होने पर आपके सभी राज दूसरों से सामने उजागर कर सकते हैं, जिससे तनाव, उदासी व समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए ऐसे लोगों से भूलकर भी दोस्ती नहीं करनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मूर्ख लोगों से कभी दोस्ती नहीं रखनी चाहिए। ऐसे लोगों से मित्रता रखने पर व्यक्ति हमेशा संकटों से घिरा रहता है। हमारे जीवन पर संगत का प्रभाव अधिक होता है, इसलिए मूर्ख मित्र से बुद्धिमान शत्रु अच्छा है।
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जीवन में अहंकारी लोगों से कभी दोस्ती नहीं करनी चाहिए। चाणक्य के अनुसार, यह लोग स्वंय को बड़ा दिखाने के लिए आपकी भावनाओं व छवि को खराब कर सकते हैं, इसलिए इन लोगों से सदैव दूरी बनाए रखें।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।