Flight Crash Risk Factors In Hindi: जिस तरह से बीते दिन एअर इंडिया की फ्लाइट क्रैश हुई, उसने अपने साथ कई सवाल भी खड़े कर दिए। दरअसल, एअर इंडिया की फ्लाइट संख्या A-171 ने दोपहर लगभग 1 बजकर 38 मिनट पर अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी, लेकिन उड़ान भरने के लगभग एक मिनट से पहले ही ये फ्लाइट क्रैश हो गई।
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Crash: किस समय में रहता है फ्लाइट के क्रैश होने का सबसे अधिक खतरा? करते हैं हवाई यात्रा तो जरूर जान लें
यूटिलिटी डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रकाश चंद जोशी
Updated Fri, 13 Jun 2025 02:03 PM IST
सार
Flight Kab Crash Hoti Hai: अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट क्रैश होने के बाद से लोगों के मन में डर होना लाजमी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन से वो दो समय सबसे खतरनाक होते हैं जब फ्लाइट के क्रैश होने की संभावना सबसे अधिक होती है?
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फ्लाइट के क्रैश होने का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है?
- फोटो : Adobe Stock
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फ्लाइट के क्रैश होने का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है?
- फोटो : पीटीआई
पहले जानिए एअर इंडिया की फ्लाइट में हुआ क्या?
- दरअसल, एअर इंडिया की फ्लाइट नंबर A-171 ने लंदन के लिए उड़ान भरी तो सही, लेकिन वो प्लेन उड़ते ही धड़ाम से नीचे आ गिरा और देखते ही देखते ये प्लेन आग का गोला बन गया जिसमें कुल 242 लोग सवार थे। इसमें 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे जिनका निधन इस क्रैश में हो गया। हालांकि, एक यात्री इस दुर्घटना में जिंदा बच गया जो किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा।
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फ्लाइट के क्रैश होने का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है?
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अब जानते हैं किस समय होता है क्रैश का ज्यादा खतरा?
- अब तक आंकड़े और विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी प्लेन के क्रैश होने का सबसे ज्यादा खतरा दो समय होता है। इसमें पहला है फ्लाइट के लैंडिग करते समय और दूसरा है प्लेन के टेकऑफ करते समय यानी जब प्लेन रनवे पर उतरता है और जब प्लेन रनवे से उड़ान भरता है।
फ्लाइट के क्रैश होने का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है?
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क्या कहते हैं आंकड़े?
- नजर अगर व्यापार समूह इंटरनेशन एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आईएटीए के आंकड़ों पर दौड़ाएं, तो देखने में आता है कि वर्ष 2005 से 2023 तक जितने भी विमान दुर्घटना का शिकार हुए उसमें से आधे से अधिक फ्लाइट्स यानी लगभग 53 प्रतिशत लैंडिग (प्लेन के रनवे पर उतरते हुए) के समय हुए। जबकि, लैंडिंग से पहले अप्रोच चरण में 8.5 प्रतिशत और टेकऑफ के बाद प्रारंभित चढ़ाई में 6.1 प्रतिशत हादसे हुए।
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फ्लाइट के क्रैश होने का खतरा कब सबसे ज्यादा होता है?
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बोइंग के आंकड़ों पर नजर
- वहीं, दूसरी तरफ अगर बोइंग के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसके 2015 से 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि ये टेकऑफ और प्रारंभिक चढ़ाई में 20 प्रतिशत हादसे का शिकार हुए हैं। हालांकि, इसमें जोखिम महज 2 फीसदी था पर सभी लोग मारे गए हों ऐसा 20 फीसदी बार हुआ
- विमान के ऊपर उठने के समय 10 फीसदी घातक दुर्घटनाएं हुईं और इसमें 35 फीसदी मौतें हुईं। यहां पर जोखिम 14 प्रतिशत था।