सब्सक्राइब करें

War Situation 2025: यूक्रेन से इस्राइल-सीरिया तक, क्या 2025 में संघर्ष पर लगेगा विराम; ट्रंप कितने बड़े फैक्टर?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Wed, 01 Jan 2025 08:54 AM IST
सार

साल 2024 बीत गया है और 2025 दस्तक दे चुका है। 2024 का साल संघर्षों के लिए भी याद किया जाएगा। खासतौर पर मध्य एशिया और रूस-यूक्रेन के संघर्ष ने दुनिया को प्रभावित किया। साल के अंत में सीरिया में हुए घटनाक्रम ने भी दुनिया को अपनी ओर खींचा। 2023 में हमास ने इस्राइल पर विनाशकारी हमला किया था, जिसके जवाब में गाजा में भारी बमबारी और जमीनी हमले हुए। 2024 इन हमलों की कड़वी यादें छोड़ गया है।

विज्ञापन
New Year 2025 World Conflicts in 2025 From Ukraine to Israel Syria Trump Factor News in Hindi
युद्ध रुकने की उम्मीद - फोटो : Amar Ujala

साल 2024 में दुनिया भर में संघर्षों में काफी बढ़ोतरी हुई। 'आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा' संस्था के अनुसार, 2024 में संघर्षों में कम से कम 2,33,000 लोगों के मारे जाने का अनुमान है। यूक्रेन, गाजा, म्यांमार और अन्य स्थानों पर युद्धों के बीच पिछले पांच वर्षों में दुनिया भर में संघर्ष का स्तर दोगुना हो गया है। अब साल खत्म होने के साथ दुनिया की नजर इस बात पर होगी कि क्या 2025 में यूक्रेन, गाजा, म्यांमार और अन्य स्थानों पर संघर्ष खत्म होंगे या नहीं।  आइये जानते हैं कि 2025 में इन संघर्षों का क्या हो सकता है? क्या युद्ध रुकेंगे? अभी क्या हालात हैं?

loader
Trending Videos
New Year 2025 World Conflicts in 2025 From Ukraine to Israel Syria Trump Factor News in Hindi
इस्राइल पर हमला - फोटो : पीटीआई

गाजा युद्ध का क्या होगा?
2025 में दुनिया की नजर गाजा में एक साल से ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष पर सबकी नजर रहेगी। हमास ने 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल की अभेद्य मानी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए इसके इलाकों में हमला किया था। इस हमले में करीब 1200 इस्राइलियों की जानें गई थीं और 5000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस दौरान हमास लड़ाके 240 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इन बंधकों में से कई लोगों को छुड़ा लिया गया है, लेकिन दर्जनों लोग अभी भी गाजा में बंधक हैं। वहीं, इस्राइल के जवाबी हमलों में 42,000 से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। गाजा के 24 लाख लोगों में से अधिकतर अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। 7 अक्तूबर के हमले के बाद पश्चिम एशिया के कई मोर्चों पर युद्ध शुरू हो गया। जहां लेबनान में हिजबुल्ला तो वहीं यमन में हूती विद्रोही इस्राइल से भिड़ गए।

उधर इस्राइल और हमास युद्ध में हमास को उस वक्त हमास बड़ा झटका लगा, जब 31 जुलाई को इसके राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई। 31 जुलाई 2024 को हमास प्रमुख इस्माइल हनिया ईरान की राजधानी तेहरान में मारा गया। हानिया ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंचा था। 

7 अक्तूबर 2023 के हमले के बाद इस्राइल ने हमास को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया था। इसके लिए इस्राइली सेना ने गाजा में हवाई और जमीनी हमले किए। इस तरह से हमास और इस्राइल के बीच बीते करीब एक साल से अधिक समय से खूनी जंग जारी है। हालांकि, कई देशों के प्रयास से दोनों पक्षों में युद्धविराम को लेकर बात भी हुई है, लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है। 

उधर युद्ध लेबनान में हिजबुल्ला के साथ दो महीने के युद्धविराम लागू होने के साथ, अमेरिका ने कतर, मिस्र और तुर्किये को शामिल करते हुए गाजा में एक समझौते पर पहुंचने के लिए नए सिरे से प्रयास करने का आग्रह किया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने माना है कि गाजा में स्थितियां बदल गई हैं, हमास अलग-थलग और नेतृत्वहीन हो गया है।

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे 20 जनवरी 2025 को पदभार ग्रहण करने से पहले गाजा में समझौता देखना चाहते हैं। उससे पहले गाजा में युद्ध विराम हासिल करने में विफल रहने पर नई सरकार किस हद तक गाजा पर ध्यान केंद्रित करेगी, यह अमेरिकी विदेश नीति प्राथमिकताओं और ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम पर निर्भर करेगा।

विज्ञापन
विज्ञापन
New Year 2025 World Conflicts in 2025 From Ukraine to Israel Syria Trump Factor News in Hindi
कब रुकेगी जंग? - फोटो : Amar Ujala

रूस-यूक्रेन की जंग में क्या होगा?
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है और अगले साल यह संघर्ष किस करवट बैठेगा, दुनिया की इस पर नजर रहेगी। 23 फरवरी 2022 की रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन का एलान किया। चंद घंटे बाद यानी 24 फरवरी की तड़के सुबह अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे। रूस के इस हमले से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। उधर यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक बयान में दावा किया कि रूस के हमले के बाद से यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में 43,000 सैनिकों को खो दिया है। वहीं, रूस ने सार्वजनिक रूप से अपने हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया है लेकिन इसे भी काफी नुकसान हुआ है।

युद्ध के शुरू होने के साथ शुरू हो गया दुनिया का दो धड़ों में बंटना। यूक्रेन का साथ देने के लिए नाटो सदस्य देश खड़े हो गए तो अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस समेत कई देशों ने युद्ध से बाहर रहते हुए इसको मदद पहुंचानी शुरू कर दी। दूसरी ओर चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान जैसे देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस के साथ खड़े हैं। भारत की बात करें तो इसने किसी का पक्ष नहीं लिया। हालांकि, इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए महत्वाकांक्षी प्रयास हुए जो अब तक सफल नहीं हुए हैं।  

नव-निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने में थोड़ी प्रगति करने की मंशा जाहिर की। ट्रंप ने संघर्ष को भयानक बताया और इसे रोकने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

इससे पहले, नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने युद्ध पर चर्चा करने के लिए 7 दिसंबर को पेरिस में जेलेंस्की और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की थी। रॉयटर्स के अनुसार, बैठक में ट्रंप ने तत्काल युद्ध विराम का आह्वान किया, जबकि जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता पर बल दिया।

New Year 2025 World Conflicts in 2025 From Ukraine to Israel Syria Trump Factor News in Hindi
सीरिया से भागे बशर अल असद - फोटो : अमर उजाला

सीरिया संकट में अब क्या?
पश्चिम एशियाई देश सीरिया के राजनीतिक संकट पर भी 2025 में लोगों की नजर रहेगी। देश में कुछ वर्षों से शांत पड़ा गृह युद्ध अचानक नवंबर-दिसंबर 2024 में उभर आया। राजनीतिक प्रक्रिया में लंबे समय तक चले गतिरोध के बाद सीरिया में विद्रोही समूहों ने 27 नवंबर को एक बड़ा हमला किया। बमुश्किल दो हफ्तों के अंदर विद्रोहियों ने अलप्पो, होम्स और दारा जैसे कई बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया। इसी कड़ी में विद्रोही राजधानी दमिश्क में घुस गए, जिसके चलते राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। असद और उनका परिवार रूस आ गया है। फिलहाल सीरिया में राजनीतिक संकट है। राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिर गई है और एक नए कार्यवाहक प्रशासन ने नियंत्रण संभाल लिया है।

सीरिया का संकट 21वीं सदी का सबसे घातक संघर्ष और दुनिया में सबसे बड़ा विस्थापन संकट है। देश की सीमाओं से बाहर जाने के लिए मजबूर होकर 60 लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थी बन गए हैं, जबकि इससे भी अधिक लोग अंदर ही विस्थापित हुए हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि जनवरी और जून 2025 के बीच लगभग 10 लाख सीरियाई शरणार्थियों के अपने देश लौटने की उम्मीद है, जिससे अंततः विस्थापन संकट का अंत हो सकता है। उधर संयुक्त राष्ट्र ने बशर अल-असद सरकार की सत्ता जाने के बाद सीरिया में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का भी आह्वान किया है।

विज्ञापन
New Year 2025 World Conflicts in 2025 From Ukraine to Israel Syria Trump Factor News in Hindi
म्यांमार में हिंसा जारी - फोटो : एएनआई

म्यांमार में संघर्ष कब खत्म होगा?
दक्षिण एशियाई देश म्यांमार 2021 के तख्तापलट के बाद से व्यापक संघर्ष में उलझा हुआ है। यहां सेना की जातीय सशस्त्र गुटों और लोकतंत्र समर्थक ताकतों से लगातार भिड़ंत हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद देश से विस्थापन लगातार जारी है और अक्तूबर 2024 तक अनुमानित 3,456,100 लोग विस्थापित हुए हैं। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा, लोगों की आवाजाही और माल के परिवहन पर रोक और फोन और इंटरनेट सेवाओं में रुकावट के कारण जनजीवन असमान्य हो चुका है। यूएन के मुताबिक, म्यांमार में जारी संकट में 6,000 नागरिकों की जान जा चुकी है। 

एक हालिया मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार 2025 में चुनाव कराने की योजना बना रही है। म्यांमार ने एक राजनीतिक रोडमैप और चुनाव तैयारियों की प्रगति की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें जनगणना और 53 राजनीतिक दलों का पंजीकरण भी शामिल है। यह जानकारी दिसंबर 2024 में बैंकॉक में हुई एक बैठक से सामने आई जिसमें म्यांमार के साथ थाईलैंड, चीन, भारत, बांग्लादेश और लाओस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन
Election

Followed