पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के मौजूदा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को मुल्क का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल मलिक ने तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त प्रभार के रूप में एनएसए की भूमिका संभाल भी ली है। मलिक ने सितंबर 2024 में आईएसआई प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। उनकी नियुक्ति पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव के बीच हुई है। हमले में आतंकियों ने 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। जान गंवाने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे।
Mohammad Asim Malik: कौन है पाकिस्तान का नया NSA? इमरान को जेल पहुंचाया, पूर्व ISI चीफ को भी रडार में ले चुके
पाकिस्तान ने आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया है। 2022 से यह पद खाली था। तब मुईद यूसुफ ने पद से इस्तीफा दे दिया था। मलिक की नियुक्ति 29 अप्रैल को की गई है, लेकिन मीडिया में इसकी जानकारी बुधवार देर रात आई।
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कौन हैं मोहम्मद असीम मलिक?
मोहम्मद असीम मलिक लेफ्टिनेंट जनरल (थ्री स्टार अफसर) हैं। उनका जन्म पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले के शाहपुर में पैतृक जड़ों वाले पंजाबी अवान परिवार में हुआ था। वह सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुलाम मुहम्मद मलिक के बेटे हैं। असीम मलिक पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (PMA) में शामिल हुए। वे 80वें लॉन्ग कोर्स का हिस्सा भी थे। उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर भी मिल चुका है। मलिक ने PMA से स्नातक किया। उन्हें 1989 में पाकिस्तानी सेना की 12वीं बलूच रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था। उन्होंने 1999 में बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने अमेरिका के फोर्ट लीवेनवर्थ में पढ़ाई की। मलिक ने यूके में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में भी अध्यन किया। मलिक ने पाकिस्तान में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (NDU) से यूएस-पाकिस्तान संबंधों में पीएचडी की है।
मोहम्मद असीम मलिक का करियर
अपने पूरे करियर के दौरान वे बलूच रेजिमेंट से जुड़े रहे। एक ब्रिगेडियर के रूप में उन्होंने वजीरिस्तान क्षेत्र में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली। इसके बाद उन्होंने मेजर जनरल के तौर पर बलूचिस्तान में 41वें इन्फैंट्री डिवीजन का नेतृत्व किया। उन्होंने क्वेटा में पाकिस्तान कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक के तौर पर काम किया। वह जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में मिलिट्री ऑपरेशन डायरेक्टोरेट में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने इस्लामाबाद में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में चीफ इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी काम किया है।
पूर्व आईएसआई चीफ के खिलाफ जांच की
मलिक ने बाद में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में एडजुटेंट जनरल के तौर पर काम किया, जहां उन्होंने पूर्व आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के खिलाफ मामले की जांच की। हमीद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेहद करीब थे। यहां तक कि अप्रैल 2022 में इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते हुए उनका नाम पाक सेना प्रमुख के तौर पर भी चल रहा था। जनरल हमीद वही शख्स हैं, जिसकी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे की योजना में भी अहम भूमिका थी। इतना ही नहीं काबुल में तालिबान के दाखिल होने और अशरफ गनी के देश छोड़ने के साथ ही एक तस्वीर जो खूब चर्चाओं में आई थी, वो काबुल के एक होटल में चाय की चुस्कियां लेते जनरल हमीद की थी। जनरल हमीद जून 2019 से नवम्बर 2021 तक पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया थे। सेना से रिटायरमेंट के पहले जनरल हमीद 31 कोर के कमांडर के रूप में तैनात थे।
इमरान की गिरफ्तारी, उसके बाद की हिंसा की भी जांच की
मलिक ने ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पार्टी के अन्य नेताओं को जेल में डालने के लिए केसों की निगरानी की। मलिक के कार्यकाल में ही इमरान खान की गिरफ्तारी हुई और उसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इसमें 9 मई को आगजनी और हमले भी शामिल थे। इनकी जांच की निगरानी भी मलिक ने की। 23 सितंबर 2024 को उन्हें नदीम अंजुम की जगह इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (डीजी आईएसआई) का महानिदेशक नियुक्त किया गया। वह इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले पीएचडी धारक हैं।