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नहीं मिलेगी राहत: पंजाब में अब तक सिर्फ 33 प्रतिशत क्षेत्र में कटी है फसल, बढ़ेंगे पराली जलाने के मामले

राजिंद्र शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 23 Oct 2025 08:36 AM IST
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सार

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंगलवार तक जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी फिलहाल सिर्फ 33 प्रतिशत एरिया में धान की फसल कटाई हुई इसलिए फसल के 67 प्रतिशत प्रमुख एरिया की कटाई बाकी है।

Only 33% of Punjab crop has been harvested so far stubble burning cases will increase
पंजाब में जलने लगी पराली - फोटो : ANI/File
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विस्तार
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पंजाब में दिवाली के बाद अब पराली जलाने के मामले दो से तीन गुना बढ़ गए हैं और आगे इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। 

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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंगलवार तक जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी फिलहाल सिर्फ 33 प्रतिशत एरिया में धान की फसल कटाई हुई इसलिए फसल के 67 प्रतिशत प्रमुख एरिया की कटाई बाकी है। फसल में नमी की समस्या भी अब पहले से कम हो गई है जिस कारण अगले दो सप्ताह के दौरान किसानों कटाई पर जोर रहेगा। बाढ़ व बारिश के कारण पहले ही धान की कटाई में देरी हुई है। इसका असर पराली जलाने के मामलों पर भी देखने को मिलेगा।

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ की संयुक्त टीम की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में दिवाली से पहले 17 अक्तूबर को पराली जलाने के 37 मामले सामने आए थे लेकिन 21 अक्तूबर को यह केस बढ़कर 109 तक पहुंच गए। इस तरह मामलों में पहले से ही बढ़ोतरी हुई है। 
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हरियाणा में पराली के 6 मामले पकड़ में आए थे जो 21 अक्तूबर को बढ़कर 18 एक हो गए। पीयू-पीजीआई की टीम सैटेलाइट से पराली जलाने के मामले पर नजर रख रही है। अगर कुल मामलों की बात की जाए तो 1 सितंबर से लेकर 21 अक्तूबर तक पंजाब में पराली के 583, हरियाणा में 301 और पंजाब पाकिस्तान में 3935 केस अब तक रिपोर्ट किए गए हैं।

पंजाब के चार जिलों में अब तक सबसे अधिक कटाई

प्रदेश के चार जिलों में ही धान की अब तक सबसे अधिक कटाई हुई है। अमृतसर में 1.80 लाख एरिया में धान की रोपाई हुई थी और अब तक 70 प्रतिशत एरिया में फसल की कटाई हो चुकी है। इसी तरह गुरदासपुर में 1.55 लाख हेक्टेयर एरिया में फसल की रोपाई हुई थी, जबकि 62.74 प्रतिशत एरिया में फसल की कटाई की जा चुकी है। इसी तरह रोपड़ में 72 प्रतिशत और तरनतारन में 67.95 प्रतिशत कटाई का काम पूरा हो चुका है।

अब इन जिलों में कटाई पकड़ेगी जोर

लुधियाना में सबसे अधिक 2.57 लाख हेक्टेयर एरिया में धान की फसल लगाई गई थी लेकिन अभी तक जिले में सिर्फ 26% एरिया में ही फसल कटाई हो पाई है। इसके अलावा बठिंडा में 2.14 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई जबकि सिर्फ 13% एरिया में कटाई हो पाई है। श्री मुक्तसर साहिब 31%, संगरुर 17%, मोगा में 8%, फिरोजपुर 37% और जालंधर में 23% फसल की कटाई हो सकी है। आने वाले दिनों में इन जिलों में कटाई रफ्तार पकड़ेगी जिससे पराली जलाने के मामले भी बढ़ सकते हैं।

175 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य

सरकार ने इस बार 175 लाख मीट्रिक टन खरीद धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है। बाढ़ के कारण प्रदेश में फसल का काफी नुकसान हुआ है। अब तक 5 लाख एकड़ एरिया में फसल खराब हो चुकी है जिस कारण इस लक्ष्य को भी कम किया गया है। पहले सरकार ने 180 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया था। धान की खरीद के लिए इस बार 1822 नियमित केंद्र स्थापित किए गए हैं।

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