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घुट रहा पंजाब का दम: छह शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी में, मंडी गोबिंदगढ़ में सांस लेना दूभर; कब मिलेगी राहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 23 Oct 2025 08:50 AM IST
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सार
पंजाब में इन दिनों पराली जल रही है। एक्यूआई खतरनाक स्तर से बढ़ने का कारण खेतों में पराली जलने के बढ़ते मामलों के साथ दिवाली और बंदी छोड़ दिवस पर भारी मात्रा में पटाखे चलने को भी माना जा रहा है।

AIR Pollution
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
पंजाब की हवा में लगातार प्रदूषण रूपी जहर बढ़ रहा है। बुधवार को पंजाब के छह शहरों का एक्यूआई खराब श्रेणी (ओरेंज जोन) में दर्ज किया गया। इससे सांस लेना भी दूभर हो रहा है।
मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई सबसे अधिक 293, लुधियाना का 278, जालंधर का 268, पटियाला का 262, अमृतसर का 238 और खन्ना का 239 दर्ज किया गया। जबकि बठिंडा का एक्यूआई 167 दर्ज किया गया, जो येलो जोन में रहा। डाक्टरों के मुताबिक खराब श्रेणी के एक्यूआई में ज्यादा देर तक बाहर रहने पर किसी भी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है। बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के 69 नए मामले हुए। इससे कुल मामलों की गिनती बढ़कर 484 हो गई है।
पंजाब में इस सीजन में अब तक पराली जलाने में अमृतसर जिला 126 मामलों के साथ सबसे आगे है। इसके अलावा तरनतारन में पराली जलाने के 154 मामले, फिरोजपुर में 55, पटियाला में 31, संगरूर में 14, गुरदासपुर में 23, कपूरथला में भी 14, व फाजिल्का में 11 मामले, एसएएस नगर में 8, बरनाला में पांच, बठिंडा में 7 मामले, मालेरकोटला में चार, फतेहगढ़ साहिब में पांच, फरीदकोट में भी पांच, होशियारपुर व मानसा में दो-दो, मुक्तसर में चार, एसबीएस नगर में दो मामले, मोगा में पराली जलाने का एक मामला सामने आया है।

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मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई सबसे अधिक 293, लुधियाना का 278, जालंधर का 268, पटियाला का 262, अमृतसर का 238 और खन्ना का 239 दर्ज किया गया। जबकि बठिंडा का एक्यूआई 167 दर्ज किया गया, जो येलो जोन में रहा। डाक्टरों के मुताबिक खराब श्रेणी के एक्यूआई में ज्यादा देर तक बाहर रहने पर किसी भी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है। बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के 69 नए मामले हुए। इससे कुल मामलों की गिनती बढ़कर 484 हो गई है।
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पराली जलाने के मामलों में हो रहा जुर्माना
पराली जलाने के मामले में पीपीसीबी की ओर से कार्रवाई भी की जा रही है। अब तक 226 मामलों में 11 लाख 45 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। इसमें से 7 लाख 40 हजार रुपये की वसूली भी कर ली गई है। इसी तरह से 184 मामलों में पराली जलाने वालों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही 187 रेड एंट्रियां की गई हैं। रेड एंट्री वाला किसान अपनी जमीन पर न तो लोन ले सकता है और न ही इसे बेच सकता है।पंजाब में इस सीजन में अब तक पराली जलाने में अमृतसर जिला 126 मामलों के साथ सबसे आगे है। इसके अलावा तरनतारन में पराली जलाने के 154 मामले, फिरोजपुर में 55, पटियाला में 31, संगरूर में 14, गुरदासपुर में 23, कपूरथला में भी 14, व फाजिल्का में 11 मामले, एसएएस नगर में 8, बरनाला में पांच, बठिंडा में 7 मामले, मालेरकोटला में चार, फतेहगढ़ साहिब में पांच, फरीदकोट में भी पांच, होशियारपुर व मानसा में दो-दो, मुक्तसर में चार, एसबीएस नगर में दो मामले, मोगा में पराली जलाने का एक मामला सामने आया है।