सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Punjab ›   Chandigarh-Punjab News ›   results of Punjab Panchayat Samiti and Zila Parishad elections Aam Aadmi Party achieved victory

Punjab: ग्रामीण शासन की रीढ़ में आप की जीत के खास हैं मायने, कांग्रेस और शिअद के लिए सीख लेने का वक्त

आशीष तिवारी, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 19 Dec 2025 08:09 AM IST
सार

कांग्रेस व अकाली दल अंदरूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं और भाजपा ग्रामीण इलाकों में जमीनी सतह पर है। कांग्रेस को इन चुनाव परिणामों से काफी सबक लेने की जरूरत है। उनको नेतृत्व परिवर्तन पर सूझबूझ से काम लेना होगा।

विज्ञापन
results of Punjab Panchayat Samiti and Zila Parishad elections Aam Aadmi Party achieved victory
चुनाव-मतदान। - फोटो : प्रतीकात्मक/ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों के परिणाम बताते हैं कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर बड़ी जीत हासिल की है। यह चुनाव ग्रामीण इलाकों से संबंधित थे लिहाजा चुनावों में आप की जीत शहरी क्षेत्रों से आगे बढ़कर ग्रामीण पंजाब में उसकी मजबूत पैठ को दर्शाती है जिसे पारंपरिक रूप से शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता था। एक बात तो साफ है कि गांवों में आप का जलवा है। आप इसको आगे एक साल तक कैसे खींचकर ले जाती है यह उनकी सियासी सूझबूझ पर निर्भर करता है।
Trending Videos


कांग्रेस 2027 में सत्ता वापसी का सपना देख रही है मगर राह में चुनौतियां बहुत ज्यादा हैं। पंचायत समिति में कांग्रेस करीब 611 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस के लिए यह खतरे की घंटी है।
विज्ञापन
विज्ञापन


पिछले साल लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सात सीटें मिली थीं जिसमें लोगों के बीच चर्चा उठ गई थी कि कांग्रेस 2027 में पंजाब में आप को टक्कर देने में सक्षम है लेकिन एक साल बाद आप ने जिला परिषद व पंचायत समिति चुनावों में एकतरफा जीत हासिल कर कांग्रेस को संकेत दिया है कि उनके लिए सत्ता की राह आसान नहीं है। हालांकि पिछले साल संसदीय चुनावों में आप व कांग्रेस दोनों का वोट बैंक 26 फीसदी के आसपास ही था।

आप के पास कहने को बहुत कुछ

पार्टी नेताओं और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन परिणामों को ग्रामीण जनता की ओर से आप सरकार के काम की राजनीति और कल्याणकारी योजनाओं पर मुहर बताया है। आप पंजाब में सेहत व शिक्षा और नई सड़कों के निर्माण को लेकर पूरा प्रचार कर रही है। मोहल्ला क्लीनिक से लेकर युद्ध नशे के विरुद्ध जैसे मुद्दों को लेकर आप मैदान में उतरी हुई है। आप के पास कहने के लिए काफी कुछ है। वहीं आप के पास सीएम भगवंत मान के बराबर का कोई ऐसा कद्दावर नेता नहीं है जो बेबाक बोलने और विरोधियों पर तंज कसने में माहिर हो।

अंदरूनी लड़ाई में उलझे कांग्रेस व अकाली दल

कांग्रेस व अकाली दल अंदरूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं और भाजपा ग्रामीण इलाकों में जमीनी सतह पर है। कांग्रेस को इन चुनाव परिणामों से काफी सबक लेने की जरूरत है। उनको नेतृत्व परिवर्तन पर सूझबूझ से काम लेना होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में यह मुख्य विपक्षी दल बन गई जिसे केवल 18 सीटें मिलीं। इसका वोट बैंक विभिन्न समुदायों में फैला हुआ है लेकिन हाल ही में इसमें सेंध लगी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं जो आप के 3 सीटों से अधिक थीं लेकिन हाल के स्थानीय चुनावों में इसका प्रदर्शन गिरा है।

शिअद पंजाब का एक प्रमुख क्षेत्रीय दल है जिसका पारंपरिक और मुख्य वोट बैंक सिख समुदाय, विशेषकर ग्रामीण किसानों के बीच है। 2022 के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा लेकिन तरनतारन उपचुनाव से अकाली दल की चर्चा फिर से हो रही है। अब बठिंडा के मानसा का उदाहरण सटीक है जहां जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल का दबदबा रहा। जिले की 11 जिला परिषद सीटों में से आप ने 7 पर जीत हासिल की जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जिला परिषद में अपना खाता भी नहीं खोल पाईं। जिले की इन 11 जिला परिषद सीटों पर शिअद और आप के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।

अलग-अलग जगह दिखा पार्टियों का वर्चस्व

इन चुनावों में विरोधी गुट अलग अलग स्थानों पर प्रभावी नजर आए। दोआबा में कांग्रेस टक्कर देती रही जबकि बठिंडा में अकाली दल। दाखा में आजाद रूप से विधायक मनप्रीत अयाली का जलवा रहा। समिति के 25 में से 17 पर आजाद ही जीत गए। दोआबा में कांग्रेस आप की टक्कर है और मालवा में आप अकाली दल की। अब जालंधर का उदाहरण सटीक है, जहां पर जिला परिषद की 21 सीट में से आप ने 10 जीती जबकि कांग्रेस ने 7 सीट हासिल की।

ग्रामीण शासन की रीढ़ पंचायत समिति चुनाव

पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों का महत्व अक्सर विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तुलना में कम आंका जाता है लेकिन वास्तव में यही चुनाव ग्रामीण शासन की रीढ़ होते हैं। सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और पंचायत स्तर के विकास कार्यों की दिशा इन्हीं संस्थाओं से तय होती है। ऐसे में इन चुनावों में किसी दल का मजबूत प्रदर्शन यह दर्शाता है कि ग्रामीण मतदाता उसकी नीतियों और कार्यशैली को स्वीकार कर रहे हैं। इन नतीजों का असर केवल स्थानीय निकायों तक सीमित नहीं रहेगा। यह प्रदर्शन आने वाले समय में राज्य की व्यापक राजनीति पर भी प्रभाव डाल सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत पकड़ किसी भी दल के लिए दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता का आधार बनती है, और इस दृष्टि से आम आदमी पार्टी की बढ़त को एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed