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भारत-पाक में भरोसे की कमी से कैदियों का मसला उलझा

चंडीगढ़/ब्यूरो Updated Thu, 02 May 2013 09:18 PM IST
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पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को एक-दूसरे पर कोई भरोसा नहीं है।

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भरोसे की कमी से ही संबंधों में सुधार नहीं हो पा रहा है।

यही वजह है कि भारतीय कैदियों और खासकर युद्धबंदियों की वापसी पर कोई ठोस बातचीत अब तक नहीं हो सकी।

वहीं, पाक में कैद भारतीय युद्धबंदियों पर डिफेंस ब्रदरहुड के अध्यक्ष ब्रिगेडिर हरबंत सिंह का कहना है कि इस मसले पर भारत सरकार पूरी तरह नाकाम रही है।

राजनेताओं में इच्छाशक्ति की कमी के कारण हमारे फौजियों को अपमान झेलना पड़ रहा है। पाक की जेलों में बंद भारतीय युद्धबंदियों को भारत सरकार अब जल्द से जल्द रिहा करवाए।

पाकिस्तानी जेलों में कैद भारतीयों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कुल 270 भारतीय पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं।
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इनमें से कुछ युद्धबंदी भी हैं। इन फौजियों को 1971 के युद्ध के दौरान अलग-अलग समय पर पाकिस्तान ने पकड़ लिया था।

हालांकि भारत ने तब सरेंडर करने वाले पाकिस्तान के लगभग 95 हजार युद्धबंदी रिहा कर दिए थे लेकिन पाकिस्तान ने कभी यह नहीं माना कि उसके पास भी भारतीय युद्धबंदी हैं।

जनरल मलिक के मुताबिक अब भी कई युद्धबंदी पाक में हैं। लेकिन अभी तक इसकी पूरी डिटेल नहीं है।

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