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Punjab: जालंधर में किसानों ने घेरा शक्ति सदन का बिजली घर, जगरांव में संयुक्त किसान मोर्चा का विरोध प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी, जालंधर/जगरांव (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 08 Dec 2025 03:39 PM IST
सार
किसान नेता जसवंत सिंह ने कहा कि अगर बिजली विभाग केंद्र के अधीन आ गया या प्राइवेट एजेंसियों के पास चला गया तो आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
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जगरांव में किसानों का विरोध प्रदर्शन
- फोटो : संवाद
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विस्तार
बिजली बिल रद्द करवाने की मांग को लेकर किसानों ने जालंधर के शक्ति सदन में चल रहे बिजली घर का घेराव कर दिया। किसान संगठन का कहना है कि उनकी मुख्य मांग ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 को पूरी तरह वापस लेने, प्रीपेड/स्मार्ट मीटर हटाने और पुरानी मीटर प्रणाली बहाल करने की है।
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किसान नेताओं का आरोप है कि प्रस्तावित कानून और राज्य सरकार की नीतियां बिजली बोर्ड के निजीकरण और सार्वजनिक संपत्तियों की जबरन बिक्री का रास्ता साफ करती हैं, जिससे किसानों, मजदूरों और आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
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किसान नेता जसवंत सिंह ने कहा कि अगर बिजली विभाग केंद्र के अधीन आ गया या प्राइवेट एजेंसियों के पास चला गया तो आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
उनका कहना है कि पत्र में एक खास बात लिखी है कि बिजली के फैक्ट्रियों के रेटों पर घर के बिल के बराबर होंगे। किसानों का कहना है कि फैक्ट्रियों से तो उद्योगपति कारोबार चला रहे है, लेकिन किसान सहित अन्य आम जनता घर का परिवार का पालन पोषण करते है। उन्होंने कहा कि एसकेएम मोर्चा कल चंडीगढ़ किसान भवन में मीटिंग कर रही है, ऐसे में जल्द इस मुद्दों को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। उनकी मांग है कि इस बिल को जल्द रद्द किया जाए।
जगरांव में सिधवां रोड पावरकॉम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को जगरांव के स्थानीय सिधवां रोड स्थित पावरकॉम मंडल कार्यालय के बाहर किसानों ने विशाल विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी की।प्रदर्शनकारियों ने विद्युत अधिनियम 2025 को राष्ट्रविरोधी और जनविरोधी करार देते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग उठाई। नेताओं ने कहा कि दिल्ली किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने विद्युत अधिनियम 2020 में संशोधन कर इसे संसद में पारित कराने की कोशिश की थी, जो अब और अधिक खतरनाक रूप में लागू किया जा रहा है।
किसान नेताओं के मुख्य आरोप
वक्ताओं ने कहा कि नया विद्युत अधिनियम पूरी बिजली व्यवस्था को कॉरपोरेट घरानों के हवाले कर देगा। सरकारी नियंत्रण खत्म कर बिजली को लाभ कमाने का साधन बनाया जा रहा है। क्रॉस सब्सिडी खत्म होने से किसानों, मजदूरों, गरीब तबकों पर भारी बोझ पड़ेगा। लोगों को बिजली उपयोग से पहले ही भुगतान करना पड़ेगा, साथ ही बाजार से खरीदकर चिप आधारित मीटर लगाने की मजबूरी होगी। इससे बड़ी संख्या में गरीब उपभोक्ता बिजली से वंचित हो जाएंगे। पुराने मीटरों को कबाड़ घोषित कर चौथी बार नए मीटर थोपे जा रहे हैं।बीज अधिनियम का भी विरोध
प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने केंद्र सरकार के नए बीज अधिनियम को भी रद्द करने की मांग की। उनका कहना था कि यह कानून किसानों से बीज के उत्पादन और उपयोग का पारंपरिक अधिकार छीनकर कॉरपोरेट कंपनियों को सौंप देता है, जिसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसान संगठनों के सदस्यों ने अधिनियम की प्रतियां जलाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शन में कई किसान, मजदूर और पेंशनर्स संगठनों के नेता मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे जगतार सिंह देहड़का (जिला अध्यक्ष, बीकेयू एकता डकौंदा), तरसेम सिंह, सुरजीत सिंह, जसविंदर सिंह,जोगिंदर सिंह ढिल्लों (बीकेयू लाक्खोवाल), बलविंदर सिंह (किरती किसान यूनियन), महिंदर सिंह कमालपुरा (बीकेयू डकौंदा - बुर्जगिल), मदन सिंह (ग्रामीण मजदूर यूनियन मशाल), चरणजीत सिंह (फेडरेशन एटक), जोगिंदर कुमार, नछत्तर सिंह, कुलवंत सिंह ढोलन, जरनैल सिंह, सुखविंदर सिंह (टेक्निकल सर्विसेज यूनियन) इसके अलावा जगजीत सिंह कलेर, हरदेव सिंह अखाड़ा, प्रीतपाल सिंह भम्मीपुरा, कुलदीप सिंह काउंके भी प्रदर्शन में मौजूद रहे।
सुनाम उगराहां यूनियन ने बिजली शोध बिल की कॉपियां फूंकी
बिजली शोध बिल 2025 के विरोध में सोमवार को सुनाम में किसानों, मजदूरों और बिजली कर्मचारियों ने पावरकाम ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 को लागू करके पावरकॉम और ट्रांसको को कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने की जल्दी में है।इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के लागू होने से इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सीधे कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में आ जाएगा। डिपार्टमेंट में सरकारी नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के प्राइवेटाइजेशन से खेती के मोटरों और मजदूर वर्ग को मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी।
राज्य की भगवंत मान सरकार पर हमला बोलते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल लागू करने के मुद्दे पर पंजाब सरकार की चुप्पी कॉर्पोरेट घरानों की नीतियों का समर्थन करना है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला महासचिव दरबारा सिंह छाजला, बीकेयू डकौंदा नेता बिंदरपाल छाजली, ट्रेड यूनियन नेता जगदेव सिंह बाहिया और सुरिंदर सिंह सुनाम ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2025 को लागू नहीं होने दिया जाएगा। किसान, मजदूर और कर्मचारी संगठन इस बिल के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।