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जालंधर : आप की गारंटी कार्ड स्कीम के आगे जातीय समीकरण छिन्न भिन्न,
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जालंधर। सानूं एक मौका दियो, यह जो अकाली दल व कांग्रेस वाले हैं, सब मिले हुए हैं। कभी एक सत्ता में आता तो अगली बार दूसरा। केजरीवाल की गारंटी के आगे पंजाब में सभी समीकरण धरे रह गए और तेज आंधी के आगे तमाम कयास हवा हवाई हो गए। आप गरीब लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो गई।
मतदान से पहले ही केजरीवाल ने इस बार पंजाब में चुनाव प्रचार की कमान राघव चड्ढा को दी। आम आदमी पार्टी ने पहली बार पंजाब में नया प्रयोग किया कि गरीब तबके के लोगों को केजरीवाल की फोटो लगे गारंटी कार्ड वितरित किए गए। इन कार्डों पर मतदाताओं का नाम उनकी मतदाता संख्या उनका पता और फोन नंबर लिखा हुआ था। खासतौर पर महिलाओं से कि वह गारंटी कार्ड अपने पास संभाल कर रखें, जिससे कि बाद में सरकार बनने के बाद इसी गारंटी कार्ड को देखने के बाद उनको पार्टी की तरफ से दी जाने वाली सहायता राशि दी जाएगी। हर विधानसभा हलके में आप के वालंटियर्स की तरफ से 40 से 50 हजार लोगों को गारंटी कार्ड वितरित किए गए थे। आप गरीब लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो गई। हालांकि कांग्रेस ने दलित कार्ड खेला था। सीएम चन्नी ने खुद को एक गरीब का बेटा कहकर पूरी तरह से प्रचार किया।
पंजाब में 32 आरक्षित सीटों पर भी कांग्रेस बढ़त नहीं बना पाई। इसका मतलब कांग्रेस का दलित मुद्दा इस चुनाव में बिल्कुल भी नहीं चला जो कांग्रेसी चुनाव जीते हैं वह अपने दमखम पर चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। जिन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली हुई है उन सीटों पर भी कांग्रेस के उम्मीदवारों की सामाजिक व लोगों तथा मतदाताओं के साथ में निकटता के चलते ही वह बढ़त बनाने में कामयाब हो सके हैं।
पंजाब में 45 सीटों पर हिंदू मतदाता सीधा असर डालते हैं, जिसमें भाजपा को पूरी उम्मीद थी। भाजपा की तरफ से हिंदू बहुसंख्यक सीटों पर लगातार भजन भी बजाया गया कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे ... भाजपा को हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण होने की पूरी उम्मीद थी, जिस कारण भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी थी। बार बार यह मुद्दा उठाया कि जाखड़ हिंदू थे, इसलिए उनको कांग्रेस ने सीएम नहीं बनाया। भाजपा ने इस मुद्दे को खूब भुनाया और प्रचार किया लेकिन आप की आंधी के आगे हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण नहीं हुआ।
यही हाल डेरावाद का हुआ, पहली बार डेरों की तरफ से अपील को वोटरों ने दरकिनार कर दिया। डेरा सच्चा सौदा की तरफ से भाजपा को वोट की अपील की गई लेकिन उसका असर बिलकुल नहीं हुआ। सच्चा सौदा की तरफ से अकाली दल को भी कई सीटों पर वोट डालने के लिए संदेशा भेजा गया था लेकिन यह मतदान वाले दिन सुबह हुआ, उस समय वोटर अपना मन बना चुके थे और आप की तेज आंधी पंजाब में चल रही थी।
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मतदान से पहले ही केजरीवाल ने इस बार पंजाब में चुनाव प्रचार की कमान राघव चड्ढा को दी। आम आदमी पार्टी ने पहली बार पंजाब में नया प्रयोग किया कि गरीब तबके के लोगों को केजरीवाल की फोटो लगे गारंटी कार्ड वितरित किए गए। इन कार्डों पर मतदाताओं का नाम उनकी मतदाता संख्या उनका पता और फोन नंबर लिखा हुआ था। खासतौर पर महिलाओं से कि वह गारंटी कार्ड अपने पास संभाल कर रखें, जिससे कि बाद में सरकार बनने के बाद इसी गारंटी कार्ड को देखने के बाद उनको पार्टी की तरफ से दी जाने वाली सहायता राशि दी जाएगी। हर विधानसभा हलके में आप के वालंटियर्स की तरफ से 40 से 50 हजार लोगों को गारंटी कार्ड वितरित किए गए थे। आप गरीब लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब हो गई। हालांकि कांग्रेस ने दलित कार्ड खेला था। सीएम चन्नी ने खुद को एक गरीब का बेटा कहकर पूरी तरह से प्रचार किया।
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पंजाब में 32 आरक्षित सीटों पर भी कांग्रेस बढ़त नहीं बना पाई। इसका मतलब कांग्रेस का दलित मुद्दा इस चुनाव में बिल्कुल भी नहीं चला जो कांग्रेसी चुनाव जीते हैं वह अपने दमखम पर चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। जिन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली हुई है उन सीटों पर भी कांग्रेस के उम्मीदवारों की सामाजिक व लोगों तथा मतदाताओं के साथ में निकटता के चलते ही वह बढ़त बनाने में कामयाब हो सके हैं।
पंजाब में 45 सीटों पर हिंदू मतदाता सीधा असर डालते हैं, जिसमें भाजपा को पूरी उम्मीद थी। भाजपा की तरफ से हिंदू बहुसंख्यक सीटों पर लगातार भजन भी बजाया गया कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे ... भाजपा को हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण होने की पूरी उम्मीद थी, जिस कारण भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी थी। बार बार यह मुद्दा उठाया कि जाखड़ हिंदू थे, इसलिए उनको कांग्रेस ने सीएम नहीं बनाया। भाजपा ने इस मुद्दे को खूब भुनाया और प्रचार किया लेकिन आप की आंधी के आगे हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण नहीं हुआ।
यही हाल डेरावाद का हुआ, पहली बार डेरों की तरफ से अपील को वोटरों ने दरकिनार कर दिया। डेरा सच्चा सौदा की तरफ से भाजपा को वोट की अपील की गई लेकिन उसका असर बिलकुल नहीं हुआ। सच्चा सौदा की तरफ से अकाली दल को भी कई सीटों पर वोट डालने के लिए संदेशा भेजा गया था लेकिन यह मतदान वाले दिन सुबह हुआ, उस समय वोटर अपना मन बना चुके थे और आप की तेज आंधी पंजाब में चल रही थी।