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Ludhiana News: बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई के फैसले का विरोध, कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Thu, 18 Dec 2025 08:24 PM IST
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Employee organizations protested against the decision to allow 100 percent FDI in the insurance sector.
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संवाद न्यूज एजेंसी
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लुधियाना। केंद्र सरकार द्वारा बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के फैसले के खिलाफ बुधवार को लुधियाना समेत पूरे देश में बीमा और बैंकिंग कर्मचारियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ एलआईसी क्लास–I ऑफिसर्स एसोसिएशंस, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज़ एसोसिएशन और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन सहित कई राष्ट्रीय संगठनों के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन कार्यालयों में भोजनावकाश के दौरान आयोजित किए गए। लुधियाना के दुगरी स्थित एलआईसी मंडल कार्यालय में आयोजित प्रदर्शन में कर्मचारी नेताओं ने इसे राष्ट्र और पॉलिसीधारक विरोधी करार दिया।
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मंडल सचिव मान सिंह ने कहा कि बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 को भ्रामक ढंग से सबका बीमा, सबकी रक्षा के नाम से पेश किया गया, जबकि वास्तविक उद्देश्य देश की घरेलू बचत को विदेशी कंपनियों के हवाले करना है। उन्होंने बताया कि यह विधेयक बीमा अधिनियम 1938, भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
फेडरेशन ऑफ एलआईसी क्लास–I ऑफिसर्स’ एसोसिएशंस के सचिव संजीव सूद ने कहा कि 100 प्रतिशत एफडीआई से पॉलिसीधारकों और भारतीय अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं होगा। विदेशी कंपनियां केवल अधिक मुनाफा देने वाले वर्ग पर ध्यान देंगी, जिससे मध्यम और कमजोर वर्ग की बीमा जरूरतें उपेक्षित रहेंगी।

अधिकांश कंपनियों ने पूरा उपयोग नहीं किया
मान सिंह ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 31 मार्च 2024 तक विदेशी इक्विटी मात्र 31,365.57 करोड़ रुपये थी जो 74 प्रतिशत की सीमा का केवल 32.67 प्रतिशत है। 74 प्रतिशत सीमा के बावजूद अधिकांश कंपनियों ने इसका पूरा उपयोग नहीं किया, इसलिए 100 प्रतिशत एफडीआई से कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि इससे बीमा उद्योग में अस्थिरता बढ़ेगी और घरेलू बचत पर विदेशी नियंत्रण बढ़ने से राष्ट्रहित खतरे में पड़ेगा।
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