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Ludhiana News: कड़ाके की ठंड में लापरवाही पड़ सकती है भारी
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-सिविल सर्जन लुधियाना ने जारी की विस्तृत जनस्वास्थ्य एडवाइजरी
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना। जिले में कड़ाके की ठंड और पाले की आशंका को देखते हुए सिविल सर्जन लुधियाना डॉ. रमणदीप कौर ने जनता के लिए विस्तृत स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि दिसंबर-जनवरी के दौरान तापमान में अचानक गिरावट से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ठंड के कारण शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक गिर सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया, सांस की बीमारियां और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
सिविल सर्जन ने बताया कि बुजुर्ग, नवजात व छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बेघर लोग और खुले में काम करने वाले श्रमिक ठंड से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज कंपकंपी, भ्रम, बोलने में दिक्कत और संतुलन बिगड़ना शामिल हैं। ठंडा मौसम दमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
डॉ. रमणदीप कौर ने नागरिकों से अपील की कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। उन्होंने पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, सिर, हाथ-पैर ढककर रखने और शरीर को सूखा रखने की सलाह दी। गर्म भोजन, गरम पेय और विटामिन युक्त फल-सब्जियों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शराब से परहेज करने की हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि इससे शरीर का तापमान और गिर सकता है।
जरूरी सावधानियां
-बंद कमरों में आग या कोयले का चूल्हा न जलाएं
-बुजुर्गों व बेघर लोगों का विशेष ध्यान रखें
-हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना। जिले में कड़ाके की ठंड और पाले की आशंका को देखते हुए सिविल सर्जन लुधियाना डॉ. रमणदीप कौर ने जनता के लिए विस्तृत स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि दिसंबर-जनवरी के दौरान तापमान में अचानक गिरावट से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ठंड के कारण शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक गिर सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया, सांस की बीमारियां और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
सिविल सर्जन ने बताया कि बुजुर्ग, नवजात व छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बेघर लोग और खुले में काम करने वाले श्रमिक ठंड से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। इसके लक्षणों में तेज कंपकंपी, भ्रम, बोलने में दिक्कत और संतुलन बिगड़ना शामिल हैं। ठंडा मौसम दमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
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डॉ. रमणदीप कौर ने नागरिकों से अपील की कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। उन्होंने पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, सिर, हाथ-पैर ढककर रखने और शरीर को सूखा रखने की सलाह दी। गर्म भोजन, गरम पेय और विटामिन युक्त फल-सब्जियों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शराब से परहेज करने की हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि इससे शरीर का तापमान और गिर सकता है।
जरूरी सावधानियां
-बंद कमरों में आग या कोयले का चूल्हा न जलाएं
-बुजुर्गों व बेघर लोगों का विशेष ध्यान रखें
-हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं