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Ludhiana News: पीएयू छात्रों ने नौकरियों और पर्यावरण मुद्दों पर सरकार-प्रशासन को घेरा
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संवाद न्यूज एजेंसी
लुधियाना। कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और सर्द रातों के बावजूद पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के बाहर कृषि छात्रों का धरना लगातार 89वें दिन भी जारी रहा। एग्रीकल्चर स्टूडेंट एसोसिएशन पंजाब (एएसएपी) के बैनर तले छात्र कृषि और इससे जुड़े सरकारी विभागों में वर्षों से खाली पड़ी भर्तियों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक न तो पंजाब सरकार की ओर से कोई लिखित आश्वासन मिला है और न ही भर्ती संबंधित कोई अधिसूचना जारी की गई है। धरनारत छात्रों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर सरकार कृषि को पंजाब की रीढ़ बताती है, वहीं दूसरी ओर कृषि विभागों में सैकड़ों पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिससे कृषि डिग्रीधारकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। छात्र नेताओं ने मांग की कि तुरंत भर्ती नोटिफिकेशन जारी कर कृषि विकास अधिकारी, कृषि सब-इंस्पेक्टर, मार्केट कमेटी सचिव (मंडी बोर्ड), भूमि संरक्षण अधिकारी, मार्कफेड, पंजाब एग्रो, पनसीड जैसे कृषि विभागों में नियुक्तियां की जाएं।
पेड़ों की कटाई पर भी जताया विरोध
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के एक और फैसले का विरोध किया, जिसमें थापर हॉल से लेकर गेट नंबर दो तक, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स ग्राउंड से सटे मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 100 से अधिक पेड़ों की कटाई की तैयारी की जा रही है। छात्रों का कहना था कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना विश्वविद्यालय के हरित वातावरण और पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों पर सीधा हमला है। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के बजाय पहले लड़कों के हॉस्टल के रास्तों और कैंपस में बने गड्ढों की मरम्मत करने की मांग की।
हादसे की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी
छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि टूटी सड़कों के कारण कोई हादसा होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार और प्रशासन ने जल्द इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर छात्र नेता अंग्रेज मान, मनप्रीत सिंह, गुणतास सिंह, दविंदर और युवराज भी उपस्थित थे।
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लुधियाना। कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और सर्द रातों के बावजूद पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के बाहर कृषि छात्रों का धरना लगातार 89वें दिन भी जारी रहा। एग्रीकल्चर स्टूडेंट एसोसिएशन पंजाब (एएसएपी) के बैनर तले छात्र कृषि और इससे जुड़े सरकारी विभागों में वर्षों से खाली पड़ी भर्तियों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक न तो पंजाब सरकार की ओर से कोई लिखित आश्वासन मिला है और न ही भर्ती संबंधित कोई अधिसूचना जारी की गई है। धरनारत छात्रों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर सरकार कृषि को पंजाब की रीढ़ बताती है, वहीं दूसरी ओर कृषि विभागों में सैकड़ों पद लंबे समय से खाली पड़े हैं, जिससे कृषि डिग्रीधारकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। छात्र नेताओं ने मांग की कि तुरंत भर्ती नोटिफिकेशन जारी कर कृषि विकास अधिकारी, कृषि सब-इंस्पेक्टर, मार्केट कमेटी सचिव (मंडी बोर्ड), भूमि संरक्षण अधिकारी, मार्कफेड, पंजाब एग्रो, पनसीड जैसे कृषि विभागों में नियुक्तियां की जाएं।
पेड़ों की कटाई पर भी जताया विरोध
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के एक और फैसले का विरोध किया, जिसमें थापर हॉल से लेकर गेट नंबर दो तक, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स ग्राउंड से सटे मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 100 से अधिक पेड़ों की कटाई की तैयारी की जा रही है। छात्रों का कहना था कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना विश्वविद्यालय के हरित वातावरण और पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों पर सीधा हमला है। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के बजाय पहले लड़कों के हॉस्टल के रास्तों और कैंपस में बने गड्ढों की मरम्मत करने की मांग की।
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हादसे की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी
छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि टूटी सड़कों के कारण कोई हादसा होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार और प्रशासन ने जल्द इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर छात्र नेता अंग्रेज मान, मनप्रीत सिंह, गुणतास सिंह, दविंदर और युवराज भी उपस्थित थे।