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Ludhiana News: दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ग्रहण
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-केंद्र–पंजाब की क्रेडिट वार में फंसा हलवारा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, उद्घाटन टला
- छत से टपक रहा बारिश का पानी, सुरक्षा व जन सुविधाओं में गंभीर खामियां
-12 से अधिक तकनीकी व प्रशासनिक त्रुटियों को लेकर उठे सवाल
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कंवरपाल
हलवारा। दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में पहचाने जाने वाला हलवारा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आज राजनीतिक खींचतान की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। केंद्र और पंजाब सरकार के बीच चल रही क्रेडिट वार के कारण एयरपोर्ट का उद्घाटन और उड़ानों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। नतीजतन करोड़ों रुपये की लागत से तैयार अत्याधुनिक ढांचा रखरखाव के अभाव में बदहाली की ओर बढ़ रहा है।
एयरपोर्ट परिसर में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। गार्डन और हरियाली नष्ट हो चुकी है जबकि जंगली घास-फूस ने कई हिस्सों में डेरा डाल लिया है। सफाई कर्मचारियों की तैनाती न होने से जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। हालात इतने खराब हैं कि जब कभी केंद्र या राज्य सरकार के किसी प्रतिनिधि का दौरा प्रस्तावित होता है तब केवल औपचारिकता के तौर पर टर्मिनल और आसपास की सफाई कर दी जाती है। इसके अलावा शेष ढांचा भगवान भरोसे है।
हाल ही में एयरपोर्ट का संचालन लुधियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया था। इसके बाद 54 सदस्यीय सुरक्षा दल और अन्य आवश्यक स्टाफ की तैनाती की घोषणा की गई थी लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। वर्तमान में पंजाब पुलिस के सब-इंस्पेक्टर प्रेम सिंह की अगुवाई में केवल चार कर्मी ही सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हैं।
वीरवार को पीडब्ल्यूडी, ग्लाडा, सिविल प्रशासन और अन्य भागीदार विभागों के अधिकारियों ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। अधिकारी सुबह 11 बजे से डीसी लुधियाना हिमांशु जैन के इंतजार में बैठे रहे लेकिन दोपहर एक बजे उनका दौरा रद्द होने की सूचना दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की विशेष अधिकारी एवं एसडीएम उपिंदरजीत कौर बराड़ ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
उड़ानें शुरू होने की तारीख अभी तय नहीं
बैठक में एयरपोर्ट के सीईओ जागीर सिंह ने स्पष्ट किया कि उड़ानों की शुरुआत की कोई तय तारीख या समयसीमा फिलहाल उनके पास नहीं है। उन्होंने टर्मिनल से एप्रन तक जाने वाली संकरी सड़क को पांच मीटर से बढ़ाकर दस मीटर करने, मुख्य द्वार व संवेदनशील स्थानों पर बम निरीक्षण मशीनें और बम निरोधक दस्तों की तैनाती की मांग उठाई। सुरक्षा कर्मियों के लिए जन सुविधाओं की कमी और टर्मिनल की छत से बारिश का पानी टपकने जैसी गंभीर खामियों की ओर भी ध्यान दिलाया गया। बैठक में 12 से अधिक तकनीकी व प्रशासनिक त्रुटियों को शीघ्र दूर करने की जरूरत पर जोर दिया गया। 27 जुलाई और 20 नवंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम पहले ही रद्द हो चुके हैं। प्रधानमंत्री से समय मिलने के बाद ही उद्घाटन संभव है। एयर इंडिया विस्तारा ने हलवारा से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए रोजाना दो उड़ानें शुरू करने की सहमति दे दी है, जिन्हें भविष्य में यात्रियों की संख्या के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
शहीद करतार सिंह सराभा एयरपोर्ट नाम रखने का प्रस्ताव भी लंबित
2019 से निर्माणाधीन इस एयरपोर्ट का टर्मिनल, एप्रन, पार्किंग, आंतरिक सड़कें, लाइटिंग सिस्टम और अन्य सुविधाएं वर्षों पहले तैयार हो चुकी हैं। सिविल एयरपोर्ट के टैक्सीवे को वायुसेना के रनवे से भी जोड़ा जा चुका है। इसके बावजूद उद्घाटन केवल राजनीतिक खींचतान के कारण अटका हुआ है। वहीं, एयरपोर्ट का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी पिछले तीन साल से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय में लंबित पड़ा है। अधिकारियों के बीच यह चिंता भी उभर रही है कि यदि जल्द फैसला नहीं हुआ, तो क्रेडिट वार में कहीं यह बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट खंडहर में तब्दील न हो जाए।
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- छत से टपक रहा बारिश का पानी, सुरक्षा व जन सुविधाओं में गंभीर खामियां
-12 से अधिक तकनीकी व प्रशासनिक त्रुटियों को लेकर उठे सवाल
कंवरपाल
हलवारा। दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में पहचाने जाने वाला हलवारा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आज राजनीतिक खींचतान की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। केंद्र और पंजाब सरकार के बीच चल रही क्रेडिट वार के कारण एयरपोर्ट का उद्घाटन और उड़ानों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। नतीजतन करोड़ों रुपये की लागत से तैयार अत्याधुनिक ढांचा रखरखाव के अभाव में बदहाली की ओर बढ़ रहा है।
एयरपोर्ट परिसर में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। गार्डन और हरियाली नष्ट हो चुकी है जबकि जंगली घास-फूस ने कई हिस्सों में डेरा डाल लिया है। सफाई कर्मचारियों की तैनाती न होने से जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। हालात इतने खराब हैं कि जब कभी केंद्र या राज्य सरकार के किसी प्रतिनिधि का दौरा प्रस्तावित होता है तब केवल औपचारिकता के तौर पर टर्मिनल और आसपास की सफाई कर दी जाती है। इसके अलावा शेष ढांचा भगवान भरोसे है।
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हाल ही में एयरपोर्ट का संचालन लुधियाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया था। इसके बाद 54 सदस्यीय सुरक्षा दल और अन्य आवश्यक स्टाफ की तैनाती की घोषणा की गई थी लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। वर्तमान में पंजाब पुलिस के सब-इंस्पेक्टर प्रेम सिंह की अगुवाई में केवल चार कर्मी ही सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हैं।
वीरवार को पीडब्ल्यूडी, ग्लाडा, सिविल प्रशासन और अन्य भागीदार विभागों के अधिकारियों ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। अधिकारी सुबह 11 बजे से डीसी लुधियाना हिमांशु जैन के इंतजार में बैठे रहे लेकिन दोपहर एक बजे उनका दौरा रद्द होने की सूचना दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की विशेष अधिकारी एवं एसडीएम उपिंदरजीत कौर बराड़ ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
उड़ानें शुरू होने की तारीख अभी तय नहीं
बैठक में एयरपोर्ट के सीईओ जागीर सिंह ने स्पष्ट किया कि उड़ानों की शुरुआत की कोई तय तारीख या समयसीमा फिलहाल उनके पास नहीं है। उन्होंने टर्मिनल से एप्रन तक जाने वाली संकरी सड़क को पांच मीटर से बढ़ाकर दस मीटर करने, मुख्य द्वार व संवेदनशील स्थानों पर बम निरीक्षण मशीनें और बम निरोधक दस्तों की तैनाती की मांग उठाई। सुरक्षा कर्मियों के लिए जन सुविधाओं की कमी और टर्मिनल की छत से बारिश का पानी टपकने जैसी गंभीर खामियों की ओर भी ध्यान दिलाया गया। बैठक में 12 से अधिक तकनीकी व प्रशासनिक त्रुटियों को शीघ्र दूर करने की जरूरत पर जोर दिया गया। 27 जुलाई और 20 नवंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल उद्घाटन कार्यक्रम पहले ही रद्द हो चुके हैं। प्रधानमंत्री से समय मिलने के बाद ही उद्घाटन संभव है। एयर इंडिया विस्तारा ने हलवारा से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए रोजाना दो उड़ानें शुरू करने की सहमति दे दी है, जिन्हें भविष्य में यात्रियों की संख्या के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
शहीद करतार सिंह सराभा एयरपोर्ट नाम रखने का प्रस्ताव भी लंबित
2019 से निर्माणाधीन इस एयरपोर्ट का टर्मिनल, एप्रन, पार्किंग, आंतरिक सड़कें, लाइटिंग सिस्टम और अन्य सुविधाएं वर्षों पहले तैयार हो चुकी हैं। सिविल एयरपोर्ट के टैक्सीवे को वायुसेना के रनवे से भी जोड़ा जा चुका है। इसके बावजूद उद्घाटन केवल राजनीतिक खींचतान के कारण अटका हुआ है। वहीं, एयरपोर्ट का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखने का प्रस्ताव भी पिछले तीन साल से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय में लंबित पड़ा है। अधिकारियों के बीच यह चिंता भी उभर रही है कि यदि जल्द फैसला नहीं हुआ, तो क्रेडिट वार में कहीं यह बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट खंडहर में तब्दील न हो जाए।