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Jagraon: ज्यादा बिजली बिल आने पर भड़के अखाड़ा के ग्रामीण, स्मार्ट मीटर उखाड़कर पावरकॉम कार्यालय में करवाए जमा
संवाद न्यूज एजेंसी, जगरांव (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:45 PM IST
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सार
ग्रामीणों का कहना था कि चोरी-छिपे स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जो निजीकरण की दिशा में पहला कदम हैं। उनका आरोप है कि इन मीटरों से सब्सिडी खत्म होगी और बिजली महंगी हो जाएगी। लोगों ने दावा किया कि मीटर उतारने के बाद भी उसमें लाइट जल रही थी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर की सारी लाइटें बंद होने पर भी बिजली की खपत जारी रहेगी।
प्रदर्शन करते ग्रामीण
- फोटो : संवाद
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विस्तार
जगरांव के गांव अखाड़ा में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब ग्रामीणों को पहले की तुलना में अधिक बिजली बिल मिले। बिलों की जांच के लिए जब लोग अपने मीटरों के पास पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पुराने मीटरों की जगह बिना किसी पूर्व सूचना के चिप वाले स्मार्ट मीटर लगे हुए थे। यह देखकर ग्रामीणों में भारी रोष फैल गया।
गुस्साए लोगों ने मौके पर ही मीटर उतारकर सीधी तारें जोड़ दीं। ग्रामीणों का कहना था कि चोरी-छिपे स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जो निजीकरण की दिशा में पहला कदम हैं। उनका आरोप है कि इन मीटरों से सब्सिडी खत्म होगी और बिजली महंगी हो जाएगी। लोगों ने दावा किया कि मीटर उतारने के बाद भी उसमें लाइट जल रही थी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर की सारी लाइटें बंद होने पर भी बिजली की खपत जारी रहेगी और रोजाना कम से कम 20 रुपये का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा।
ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर अधिकारी दोबारा मीटर लगाने आए तो उन्हें पकड़कर बिठा लेंगे, रोटी भी देंगे, चाय भी देंगे लेकिन छोड़ेंगे नहीं।
जानकारी के अनुसार, अखाड़ा गांव के निवासियों ने घर-घर से स्मार्ट मीटर निकालकर पावरकॉम के रूमी कार्यालय में जमा करवा दिए। यह कार्रवाई भारतीय किसान यूनियन एकता डाकौंदा के ब्लॉक अध्यक्ष तरसेम सिंह बसुवाल और इकाई अध्यक्ष गुरतेज सिंह अखाड़ा के नेतृत्व में की गई। मीटर उपमंडल अधिकारी अमरिंदर कुमार को सौंपे गए और उनकी रसीद भी ली गई।
इस दौरान बिजली कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया और पुराने मीटर दोबारा लगाने की मांग उठाई गई। जिला अध्यक्ष जगतार सिंह देहड़का ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर की गई यह पहल अन्य गांवों में भी लागू की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटरों के जरिए पावरकॉम को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है, जिसमें राज्य सरकार की मौन सहमति है।
प्रदर्शन में किसान नेता निर्मल सिंह भामिपुरा ने बीज अधिनियम, एमजीएनआरईजीए और अन्य नीतियों का भी विरोध किया। इस दौरान पावरकॉम की जमीनें बेचने के फैसले के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। प्रदर्शन में हरदेव सिंह अखाड़ा, जसबीर सिंह अखाड़ा, बहादुर सिंह, अजैब सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान-मजदूर और महिलाएं मौजूद रहीं।
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गुस्साए लोगों ने मौके पर ही मीटर उतारकर सीधी तारें जोड़ दीं। ग्रामीणों का कहना था कि चोरी-छिपे स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जो निजीकरण की दिशा में पहला कदम हैं। उनका आरोप है कि इन मीटरों से सब्सिडी खत्म होगी और बिजली महंगी हो जाएगी। लोगों ने दावा किया कि मीटर उतारने के बाद भी उसमें लाइट जल रही थी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर की सारी लाइटें बंद होने पर भी बिजली की खपत जारी रहेगी और रोजाना कम से कम 20 रुपये का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा।
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ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर अधिकारी दोबारा मीटर लगाने आए तो उन्हें पकड़कर बिठा लेंगे, रोटी भी देंगे, चाय भी देंगे लेकिन छोड़ेंगे नहीं।
जानकारी के अनुसार, अखाड़ा गांव के निवासियों ने घर-घर से स्मार्ट मीटर निकालकर पावरकॉम के रूमी कार्यालय में जमा करवा दिए। यह कार्रवाई भारतीय किसान यूनियन एकता डाकौंदा के ब्लॉक अध्यक्ष तरसेम सिंह बसुवाल और इकाई अध्यक्ष गुरतेज सिंह अखाड़ा के नेतृत्व में की गई। मीटर उपमंडल अधिकारी अमरिंदर कुमार को सौंपे गए और उनकी रसीद भी ली गई।
इस दौरान बिजली कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया गया और पुराने मीटर दोबारा लगाने की मांग उठाई गई। जिला अध्यक्ष जगतार सिंह देहड़का ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर की गई यह पहल अन्य गांवों में भी लागू की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटरों के जरिए पावरकॉम को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है, जिसमें राज्य सरकार की मौन सहमति है।
प्रदर्शन में किसान नेता निर्मल सिंह भामिपुरा ने बीज अधिनियम, एमजीएनआरईजीए और अन्य नीतियों का भी विरोध किया। इस दौरान पावरकॉम की जमीनें बेचने के फैसले के खिलाफ भी नारेबाजी हुई। प्रदर्शन में हरदेव सिंह अखाड़ा, जसबीर सिंह अखाड़ा, बहादुर सिंह, अजैब सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान-मजदूर और महिलाएं मौजूद रहीं।