{"_id":"6903d20958de3e35f80fb49e","slug":"no-facilities-only-assurances-the-25-year-old-demand-for-a-green-enclave-is-ignored-again-mohali-news-c-71-1-mli1012-135057-2025-10-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mohali News: सुविधाएं नहीं केवल आश्वासन, ग्रीन एनक्लेव की 25 साल पुरानी मांग इस बार भी नजरअंदाज","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Mohali News: सुविधाएं नहीं केवल आश्वासन, ग्रीन एनक्लेव की 25 साल पुरानी मांग इस बार भी नजरअंदाज
    विज्ञापन
    
        
    
     
      
             
                            
विज्ञापन
 
                                                 
                मोहाली। ग्रीन एनक्लेव के लोगों ने उनके क्षेत्र को नगर निगम की नई हदबंदी में शामिल नहीं करने पर नाराजगी प्रकट की है। नाराज लोगों का कहना है कि 25 साल से उनको विकास के नाम पर केवल आश्वासन ही मिल रहा है। यहां के लोग शहर के पास रहने के बावजूद मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। वीरवार को बल्लोमाजरा स्थित ग्रीन एनक्लेव कॉलोनी में आयोजित अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम में लोगों ने अपनी परेशानी बताकर नाराजगी प्रकट की। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
संवाद के अंत में निवासियों ने सामूहिक रूप से कहा कि वे इस बार अपनी मांग को लेकर संगठित होकर आगे बढ़ेंगे। लोगों का कहना है कि सरकार ने उनकी 25 साल पुरानी मांग को नजरअंदाज किया है। अब अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वे संघर्ष करने पर मजबूर होंगे। लोगों का कहना है कि अब यह मामला मौजूदा विधायक कुलवंत सिंह की जवाबदेही का है। अगर वे इस कार्यकाल में कॉलोनी को निगम के दायरे में लाते हैं, तो पूरा इलाका उनका साथ देगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे। कार्यक्रम में कुलविंदर सिंह काका, राजिंदर सिंह, मंजीत कौर, प्रीति, सरबजीत, कविता, आयुष, सुरजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, विनय, सरिता भाटिया, सरपंच उपदेश कौर और सोनिया रानी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद रहे।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
लोगों ने बताई अपनी व्यथा, जताई नाराजगी
हमारी कॉलोनी में सफाई, सड़क और लाइट की दिक्कतें हमेशा बनी रहती है। कई बार अपनी जेब से खर्च कर सुधार करवाया, लेकिन यह काम सरकार का है। जब तक कॉलोनी निगम में शामिल नहीं होगी, तब तक विकास अधूरा ही रहेगा। - मंजीत कौर
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
आसपास की कॉलोनियों को नगर निगम की सीमा में शामिल कर दिया गया है, मगर ग्रीन एनक्लेव को हर बार नजरअंदाज किया जाता है। आखिर हमारे साथ ही ऐसा क्यों? हमारी उपेक्षा की जा रही है। - प्रीति
ग्रीन एनक्लेव के लोग शहर का हिस्सा बनना चाहते हैं, अलग-थलग नहीं रहना चाहते। हम सुविधाओं के लिए भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं। जब हम टैक्स देने को तैयार हैं, तो हमें भी सुविधाएं मिलनी चाहिए। - हरजिंदर सिंह
जब मोहाली स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, तो ग्रीन एनक्लेव को पीछे छोड़ देना समझ से परे है। हमारे इलाके के युवाओं में भी अब सवाल उठने लगा है कि क्या विकास सिर्फ कुछ हिस्सों तक ही सीमित रहेगा? - आयुष
यह मुद्दा पिछले डेढ़ दशक से अटका हुआ है। हर चुनाव में नेताओं से वादा मिलता है कि इस बार कॉलोनी को नगर निगम में शामिल कर लिया जाएगा। हर बार झूठे भरोसे के अलावा कुछ नहीं मिलता। अगर कॉलोनी को निगम सीमा में शामिल किया जाता है, तो अवैध निर्माणों पर रोक लगेगी, योजनाबद्ध विकास संभव होगा और इलाके की व्यवस्था सुधरेगी। - कुलविंदर सिंह काका
कॉलोनी को निगम में शामिल करने से नगर निगम पर बोझ नहीं बढ़ेगा, बल्कि टैक्स से उसकी आमदनी बढ़ेगी। जब हम प्रॉपर्टी टैक्स देंगे, तो वह रुपया विकास कार्यों में ही लगेगा। इसलिए यह फैसला दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है। -राजिंदर सिंह
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
संवाद के अंत में निवासियों ने सामूहिक रूप से कहा कि वे इस बार अपनी मांग को लेकर संगठित होकर आगे बढ़ेंगे। लोगों का कहना है कि सरकार ने उनकी 25 साल पुरानी मांग को नजरअंदाज किया है। अब अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वे संघर्ष करने पर मजबूर होंगे। लोगों का कहना है कि अब यह मामला मौजूदा विधायक कुलवंत सिंह की जवाबदेही का है। अगर वे इस कार्यकाल में कॉलोनी को निगम के दायरे में लाते हैं, तो पूरा इलाका उनका साथ देगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे। कार्यक्रम में कुलविंदर सिंह काका, राजिंदर सिंह, मंजीत कौर, प्रीति, सरबजीत, कविता, आयुष, सुरजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, विनय, सरिता भाटिया, सरपंच उपदेश कौर और सोनिया रानी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद रहे।
विज्ञापन
    
 
                     
                विज्ञापन
                
                    
                
            
            लोगों ने बताई अपनी व्यथा, जताई नाराजगी
हमारी कॉलोनी में सफाई, सड़क और लाइट की दिक्कतें हमेशा बनी रहती है। कई बार अपनी जेब से खर्च कर सुधार करवाया, लेकिन यह काम सरकार का है। जब तक कॉलोनी निगम में शामिल नहीं होगी, तब तक विकास अधूरा ही रहेगा। - मंजीत कौर
आसपास की कॉलोनियों को नगर निगम की सीमा में शामिल कर दिया गया है, मगर ग्रीन एनक्लेव को हर बार नजरअंदाज किया जाता है। आखिर हमारे साथ ही ऐसा क्यों? हमारी उपेक्षा की जा रही है। - प्रीति
ग्रीन एनक्लेव के लोग शहर का हिस्सा बनना चाहते हैं, अलग-थलग नहीं रहना चाहते। हम सुविधाओं के लिए भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं। जब हम टैक्स देने को तैयार हैं, तो हमें भी सुविधाएं मिलनी चाहिए। - हरजिंदर सिंह
जब मोहाली स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, तो ग्रीन एनक्लेव को पीछे छोड़ देना समझ से परे है। हमारे इलाके के युवाओं में भी अब सवाल उठने लगा है कि क्या विकास सिर्फ कुछ हिस्सों तक ही सीमित रहेगा? - आयुष
यह मुद्दा पिछले डेढ़ दशक से अटका हुआ है। हर चुनाव में नेताओं से वादा मिलता है कि इस बार कॉलोनी को नगर निगम में शामिल कर लिया जाएगा। हर बार झूठे भरोसे के अलावा कुछ नहीं मिलता। अगर कॉलोनी को निगम सीमा में शामिल किया जाता है, तो अवैध निर्माणों पर रोक लगेगी, योजनाबद्ध विकास संभव होगा और इलाके की व्यवस्था सुधरेगी। - कुलविंदर सिंह काका
कॉलोनी को निगम में शामिल करने से नगर निगम पर बोझ नहीं बढ़ेगा, बल्कि टैक्स से उसकी आमदनी बढ़ेगी। जब हम प्रॉपर्टी टैक्स देंगे, तो वह रुपया विकास कार्यों में ही लगेगा। इसलिए यह फैसला दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है। -राजिंदर सिंह
