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चन्नी की घोषणाएं मात्रचुनावी वादे साबित, पीयू की बढ़ी मुश्किलें न 150 करोड़ का कर्जा टेकओवर किया, न मंथल

Punjab Bureau पंजाब ब्‍यूरो
Updated Fri, 28 Jan 2022 10:51 PM IST
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Channi's announcements proved to be mere election promises, PU's increased difficulties neither took over 150 crore loan, nor did the monthly
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पटियाला। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की घोषणाएं मात्र चुनावी वादे ही साबित हो रहे हैं। चरणजीत सिंह चन्नी ने पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए बड़ी घोषणाएं करते हुए यूनिवर्सिटी के मासिक अनुदान को जहां दोगुना किया था, वहीं यूनिवर्सिटी पर चढ़े करोड़ों रुपये के कर्ज को भी सरकार द्वारा टेकओवर करने का एलान किया था। दो महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी न तो ग्रांट बढ़ी और न ही कर्जा उतारा। जिस कारण पीयू की वित्तीय मुश्किलें बनी हुई हैं। इसका खामियाजा यहां के मुलाजिमों, टीचरों व पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है। जिन्हें दिसंबर महीने की सैलरियां व पेंशनें अब तक नहीं मिली हैं। जनवरी माह भी खत्म होने को आ गया है।
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सीएम चन्नी 24 नवंबर 2021 को पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी की पहली फेरी पर पहुंचे थे। इस मौके आयोजित एक बड़े समागम में चन्नी ने मंच से पीयू पर चढ़े 150 करोड़ के कर्जे को उनकी सरकार द्वारा टेकओवर करने का एलान किया था। इसके साथ यूनिवर्सिटी की साढ़े 9 करोड़ की मंथली ग्रांट को दोगुना करते हुए 20 करोड़ करने की बड़ी घोषणा की थी। जिससे उम्मीद लगाई जा रही थी कि पीयू का वित्तीय संकट खत्म हो जाएगा। यह चुनावी घोषणा कोरी औपचारिकता ही रह गई, क्योंकि अब तक दोनों ही एलानों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इसका नतीजा यह है कि मुलाजिमों व पेंशनरों की स्थिति जस की तस बनी है। उन्हें अब भी सैलरियां व पेंशन देरी से मिलने के कारण परिवारों का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। दिसंबर महीने की सैलरियां और पेंशन अब तक नहीं मिली हैं। जनवरी माह भी खत्म होने को है। पीयू के 5000 मुलाजिमों, अध्यापकों व पेंशनरों का हर महीने की सैलरियों व पेंशनों का खर्चा करीब 30 करोड़ है। लेकिन खराब आर्थिक हालत के चलते पीयू के लिए यह खर्च करना भी मुश्किल हुआ है।
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सरकार की घोषणाएं मात्र लिफाफेबाजी- पूटा के पूर्व प्रधान
पंजाबी यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान निशान सिंह के मुताबिक चन्नी सरकार की घोषणा मात्र लिफाफेबाजी निकली, अब तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया। तनख्वाह न मिलने से मुलाजिम वर्ग में रोष है। जरूरत पड़ी, तो इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा।
मंजूरी लेटर मिलने के बावजूद न कर्ज उतारा, न बढ़ी ग्रांट-वीसी
पंजाबी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर अरविंद ने कहा कि सरकार की तरफ से मंजूरी पत्र तो यूनिवर्सिटी पास पहुंच गया है। बावजूद इसके न कर्जा उतारा गया और न ही बढ़ी ग्रांट जारी की गई, जबकि इसका चुनाव आचार संहिता के साथ कोई संबंध नहीं है। वीसी ने माना कि जब सरकार ने मंजूरी दे दी है, तो इनको पूरा भी कर देना चाहिए था। क्योंकि पीयू ने बिल्कुल जायज मांगें सरकार के सामने रखी थीं। उन्होंने माना कि जब तक ग्रांट नहीं बढ़ेगी और कर्ज से मुक्ति नहीं मिलेगी, तब तक यूनिवर्सिटी की आर्थिक हालत में सुधार मुश्किल है।
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