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फगवाड़ा में आवारा कुत्तों का कहर: अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे केस, नगर निगम के पास नहीं है कोई हल

संवाद न्यूज एजेंसी, फगवाड़ा (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 22 Dec 2025 03:33 PM IST
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सार

फगवाड़ा नगर निगम द्वारा शुरू किया गया एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया है। इस संबंध में नगर निगम की कमिश्नर डॉ. अक्षिता गुप्ता ने कहा कि लोगों द्वारा एतराज करने की वजह से यह कार्यक्रम फिलहाल बंद कर दिया गया है।

Stray dogs wreak havoc in Phagwara Municipal Corporation has no solution
फगवाड़ा में आवारा कुत्तों का आतंक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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फगवाड़ा में आवारा कुत्तों का कहर जारी है। केवल सिविल अस्पताल में ही रोजाना लगभग 40 मरीज कुत्तों द्वारा काटे जाने के आ रहे हैं। यह संख्या केवल फगवाड़ा के सिविल अस्पताल की है जबकि फगवाड़ा के 100 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों या डाक्टरों के पास रोजाना डाॅग बाइट के केसों का केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है। 
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फगवाड़ा नगर निगम और सिविल प्रशासन इस मामले को लेकर संवेदनशील नहीं है जिसका खामियाजा रोजाना लोगों को भुगतना पड़ रहा है। रविवार को स्थानीय गुरु तेग बहादर नगर टिब्बी में एक बच्चे को गली के आवारा कुत्ते ने काट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। 11 वर्षीय पीयूष पुत्र विकास को कुत्ते ने मुंह पर इतना बुरी तरह काटा कि उसके गाल व होठों पर 13 टांके लगाने पड़े। सिविल अस्पताल की एसएमओ डा. सिमरदीप कौर ने बताया कि आवारा कुत्तों के काटने के मामले रोजाना आ रहे हैं।
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गौरतलब है कि फगवाड़ा नगर निगम द्वारा शुरू किया गया एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही बंद हो गया है। इस संबंध में नगर निगम की कमिश्नर डॉ. अक्षिता गुप्ता ने कहा कि लोगों द्वारा एतराज करने की वजह से यह कार्यक्रम फिलहाल बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा एनीमल वेल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन लेने के लिए अप्लाई किया हुआ है। जैसे ही निगम को रजिस्ट्रेशन प्राप्त होती है तो एबीसी का काम शुरू कर दिया जाएगा। 

कुत्ते के काटे जाने पर है मुआवजे का प्रावधान 

एडवोकेट धनदीप कौर ने बताया कि आवारा कुत्ते के काटने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। उसके अनुसार प्रति दांत के निशान या घाव के आकार के आधार पर मुआवजा तय किया गया है। कुत्तों के काटने पर प्रति दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये और घाव के आकार के हिसाब से 20,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। यह मुआवजा आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने पर निगम प्रशासन को देना होगा तथा पालतू कुत्ते द्वारा काटे जाने पर कुत्ते के मालिक द्वारा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए पीड़ित को संबंधित नगर निगम या शहरी विकास विभाग में शिकायत दर्ज करवानी होगी, जो एक कमेटी बनाकर मामले की जांच करेगी और मुआवजे का भुगतान करेगी।
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