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Aravali Dispute: एनएसयूआई ने अरावली के मुद्दे पर किया प्रदर्शन, मशाल जुलूस निकाल कर सरकार को चेताया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अजमेर
Published by: अजमेर ब्यूरो
Updated Sun, 28 Dec 2025 10:44 PM IST
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सार
एनएसयूआई ने अरावली पर्वतमाला को नुकसान पहुंचाने वाले सरकारी फैसलों के विरोध में छतरपुर में मशाल जुलूस निकाला। प्रदर्शन में युवाओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रतीकात्मक संदेश दिया।
अरावली बचाओ आंदोलन के तहत एनएसयूआई का मशाल जुलूस
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विस्तार
अरावली पर्वतमाला को नुकसान पहुंचाने वाले सरकारी निर्णयों के विरोध में रविवार को एनएसयूआई के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अंकित घारू के नेतृत्व में युवाओं ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार को चेताया कि यदि अरावली को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा।
मशाल जुलूस राजकीय महाविद्यालय के मुख्य द्वार से शुरू होकर गोल चक्कर होते हुए केसरगंज तक निकाला गया। प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रतीकात्मक संदेश दिया कि अगर अरावली का विनाश नहीं रोका गया, तो भविष्य में लोगों को सांस लेने के लिए भी मास्क पर निर्भर रहना पड़ेगा। उन्होंने कि अरावली बचाओ और पर्यावरण बचाओ, भविष्य बचाओ जैसे नारे भी लगाए।
ये भी पढ़ें- Rajasthan Politics: अरावली पर प्रदर्शन नहीं करने वाले 8 जिलाध्यक्षों को नोटिस देगी कांग्रेस, BJP पर किया हमला
अंकित घारू ने कहा कि अरावली केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, बल्कि उत्तर भारत की जीवन रेखा है। यह पर्वतमाला जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और शुद्ध हवा के लिए बेहद आवश्यक है। यदि इसे नष्ट किया गया तो जल संकट, बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन तय है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी यदि आज समय रहते आवाज नहीं उठाई गई।
अल्टीमेटम: एनएसयूआई प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करेगी
घारू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा एक पेड़ मां के नाम जैसे नारे देते हैं, जबकि अरावली को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले लिए जा रहे हैं। यह सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पूंजीपतियों के हित में फैसले ले रही है, देश की सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ चुकी है।
प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने संकल्प लिया कि अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो एनएसयूआई प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करेगी।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर लक्की जैन, पवन सिसोदिया, पार्थिक टोनी, तरुण टांक, नितिन चौधरी, राहुल भड़ाना, कपिल कलोशिया, सन्नी तनवानी, अनवर अली, उमेश टांक, कुलदीप रावत, जितेश मोलपारिया, आसिफ खान गेगल, कुणाल सांवरिया, दीपक मौर्य, राजवीर गुर्जर, आकाश बोयत, रंजीत घारू, आदित्य गोयर, रजत लखन सहित बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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मशाल जुलूस राजकीय महाविद्यालय के मुख्य द्वार से शुरू होकर गोल चक्कर होते हुए केसरगंज तक निकाला गया। प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रतीकात्मक संदेश दिया कि अगर अरावली का विनाश नहीं रोका गया, तो भविष्य में लोगों को सांस लेने के लिए भी मास्क पर निर्भर रहना पड़ेगा। उन्होंने कि अरावली बचाओ और पर्यावरण बचाओ, भविष्य बचाओ जैसे नारे भी लगाए।
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अंकित घारू ने कहा कि अरावली केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, बल्कि उत्तर भारत की जीवन रेखा है। यह पर्वतमाला जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और शुद्ध हवा के लिए बेहद आवश्यक है। यदि इसे नष्ट किया गया तो जल संकट, बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन तय है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी यदि आज समय रहते आवाज नहीं उठाई गई।
अल्टीमेटम: एनएसयूआई प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करेगी
घारू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा एक पेड़ मां के नाम जैसे नारे देते हैं, जबकि अरावली को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले लिए जा रहे हैं। यह सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पूंजीपतियों के हित में फैसले ले रही है, देश की सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ चुकी है।
प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने संकल्प लिया कि अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो एनएसयूआई प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करेगी।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर लक्की जैन, पवन सिसोदिया, पार्थिक टोनी, तरुण टांक, नितिन चौधरी, राहुल भड़ाना, कपिल कलोशिया, सन्नी तनवानी, अनवर अली, उमेश टांक, कुलदीप रावत, जितेश मोलपारिया, आसिफ खान गेगल, कुणाल सांवरिया, दीपक मौर्य, राजवीर गुर्जर, आकाश बोयत, रंजीत घारू, आदित्य गोयर, रजत लखन सहित बड़ी संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।