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Ajmer News: सरकारी योजना के नाम पर 1000 महिलाओं के फिंगर प्रिंट से खोले फर्जी खाते, साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अजमेर Published by: अजमेर ब्यूरो Updated Fri, 07 Nov 2025 08:28 AM IST
सार

पुलिस ने महिलाओं के फिंगर प्रिंट लेकर उनके नाम से फर्जी सिम और बैंक खाते खोलने वाले एक साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ कर गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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Ajmer News: Cyber Fraud Gang Busted for Using Women’s Fingerprints to Open Fake Bank Accounts
साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश
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विस्तार
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अजमेर में साइबर ठगी के एक मामले में महिलाओं के फिंगर प्रिंट लेकर उनके नाम से फर्जी सिम और बैंक खाते खुलवाने वाली गैंग का पर्दाफाश हुआ है। क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस और जिला स्पेशल टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रधानमंत्री स्कीम और जियो सिम के प्रचार के नाम पर महिलाओं को झांसे में लेकर ठगी कर रहे थे।

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प्रशिक्षु आईपीएस डॉ. अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में डीडवाना-कुचामन निवासी प्रकाश ओझा (36), राजकुमार वैष्णव उर्फ राजू (45), बजरंग नायक (29), नसीराबाद निवासी राजू जाट (34), अजमेर निवासी नरेश माली (32) और नसीराबाद निवासी नंदकिशोर मेघवंशी (33) शामिल हैं। इनके कब्जे से 6 एंड्रॉयड और दो की-पैड मोबाइल फोन, एक ऑप्टिकल फिंगर प्रिंट मशीन, एयरटेल पेमेंट के दो साउंड बॉक्स, 13 एयरटेल 5G सिम, 5 पैन कार्ड, 13 आधार कार्ड और एक कार जब्त की गई है।
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पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह प्रधानमंत्री योजना में पैसे मिलने और जियो सिम कस्टमर जोड़ने के नाम पर महिलाओं को फंसाता था। किशनगढ़, पुष्कर और अजमेर के आसपास के ग्रामीण इलाकों से महिलाओं को बुलाकर उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और फिंगर प्रिंट लिए जाते थे। आरोपी दावा करते थे कि योजना के तहत हर महिला को 2500 रुपये का लाभ मिलेगा।

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गिरोह महिलाओं के फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल करके उनके नाम से सिम कार्ड अलॉट कराता था और उन्हीं सिम पर एयरटेल पेमेंट बैंक में खाते खुलवाए जाते थे। इसके बाद आरोपी इन खातों से क्यूआर कोड बॉक्स बनाकर किट तैयार करते थे, जिसे वे साइबर ठगों को 12 हजार या उससे अधिक कीमत में बेच देते थे। इस तरह गिरोह का हर सदस्य रोजाना 12 से 13 महिलाओं को निशाना बनाने का टारगेट रखता था।

महिलाओं को शक न हो इसके लिए आरोपी उनके खातों में दो से ढाई हजार रुपए नकद ट्रांसफर भी करते थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह गिरोह नागौर सहित अन्य जिलों में भी इसी तरीके से सक्रिय रहा है और अब तक 1000 से ज्यादा महिलाओं को शिकार बना चुका है। गिरोह के कुछ सदस्य एयरटेल कंपनी से जुड़े हुए थे, जिससे उन्हें सिम अलॉटमेंट और पेमेंट बैंक खाता खोलने की सुविधा आसानी से मिल जाती थी।

एक महिला की शिकायत के बाद इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। महिला ने बताया कि जियो कंपनी में कस्टमर जोड़ने पर 2500 रुपए देने का लालच देकर उससे आधार और पैन कार्ड मांगे गए थे। फिंगर प्रिंट देने के बाद उसे ठगी का एहसास हुआ, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।

गैंग को पकड़ने में जिला स्पेशल टीम के प्रभारी शंकर सिंह और कांस्टेबल मुकेश टांडी का विशेष योगदान रहा। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि गिरोह के पीछे और कौन-कौन से लोग शामिल हैं तथा इन फर्जी खातों और सिम का उपयोग किन साइबर अपराधों में किया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस को एक बड़े साइबर नेटवर्क के तार खोलने में सफलता मिली है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को योजनाओं के नाम पर ठगने का काम कर रहा था। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।

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