इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़: भिवाड़ी में 32 करोड़ रुपये के नशीले केमिकल के साथ 3 इंजीनियर गिरफ्तार
भिवाड़ी के कहरानी औद्योगिक क्षेत्र में गुजरात एटीएस, राजस्थान एसओजी और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का खुलासा हुआ है। छापेमारी में 22 किलो प्रतिबंधित केमिकल बरामद कर तीन केमिकल इंजीनियरों को गिरफ्तार किया गया है।
विस्तार
तकनीक और तस्करी का खतरनाक गठजोड़
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपी न केवल शातिर अपराधी हैं, बल्कि तकनीकी रूप से भी दक्ष हैं। मौके से उत्तर प्रदेश के तीन केमिकल इंजीनियर-कृष्णा, अंशुल शास्त्री और अखिलेश मौर्य को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग अवैध रूप से अलप्राजोलम, टेमाजेपाम और पैराजेपाम जैसे प्रतिबंधित एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (API) के निर्माण में कर रहे थे।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने महज एक माह पहले ही कहरानी में एक बंद पड़ी फैक्ट्री को किराए पर लिया था। बिना किसी वैध लाइसेंस या पंजीकरण के, फैक्ट्री के भीतर छिपी मशीनों के जरिए नशीले रसायनों का उत्पादन किया जा रहा था।
अमेरिका और कनाडा तक फैला नेटवर्क
इस ड्रग नेटवर्क का दायरा केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यहां तैयार किए गए केमिकल को टैबलेट का रूप देकर पहले गुजरात भेजा जाना था। वहां से डीलरों के माध्यम से इन नशीली दवाओं की खेप देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में तस्करी की जानी थी। आरोपियों ने फैक्ट्री को पूरी तरह एक ‘सीक्रेट लैब’ के रूप में विकसित किया था, ताकि किसी को इसकी भनक न लग सके।
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सख्त कानूनी कार्रवाई
छापेमारी के बाद जिला औषधि नियंत्रक (ड्रग कंट्रोलर) और एफएसएल की टीमों ने मौके से रसायनों के नमूने लिए हैं। भिवाड़ी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस पूरे सिंडिकेट के मास्टरमाइंड और गुजरात में जुड़े बड़े ड्रग डीलरों की तलाश में जुटी है।
यह कार्रवाई भिवाड़ी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय एक बड़े ड्रग रैकेट का खुलासा हुआ है। प्रशासन ने क्षेत्र की अन्य बंद पड़ी फैक्ट्रियों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।