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त्रासदी: खून से लथपथ शवों में खुद के बेटे को न पहचान पाया एंबुलेंस चालक, घर पहुंचा तो खिसकी पैरों तले जमीन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Fri, 24 Oct 2025 04:39 PM IST
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सार

Banswara News: बांसवाड़ा में दो बाइकों की भिड़ंत में तीन युवकों की मौत हो गई। मृतकों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाला जेफरी बाद में जान सका कि मृतकों में उसका बेटा एरोन भी शामिल था। परिवार शोक में डूबा है।
 

Banswara News Tragic Road Accident Claims Three Lives Father Unknowingly Rescues His Own Son news in Hindi
बांसवाड़ा सड़क हादसे में 12वीं के छात्र एरोन की मौत - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बांसवाड़ा जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर भगतपुरा गांव के पास बुधवार देर रात दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर में तीन युवकों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में सेनावासा निवासी एरोन पुत्र जेफरी, रमेश पुत्र कोदर कटारा और खोमा पुत्र बबला चरपोटा (निवासी पालोदरा) शामिल हैं। दुर्घटना में रामा पुत्र गौतम दायमा (पालोदरा) और वीरेंद्र प्रजापत (सेनावासा) घायल हुए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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मददगार बना पिता, नहीं पहचान पाया बेटे को
दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे लोगों में एरोन का पिता जेफरी भी शामिल था। वह घायलों और मृतकों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रहा था। किसी को क्या पता था कि उन्हीं में उसका खुद का बेटा भी शामिल है।
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चेहरे पर आई गंभीर चोटों और खून के कारण वह अपने बेटे को पहचान नहीं सका। रात को जब जेफरी घर लौटा, तो पुलिस से सूचना मिली कि हादसे में मारा गया एक युवक उसका बेटा एरोन है। यह सुनते ही परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।

जिला अस्पताल में घायलों का उपचार करते चिकित्साकर्मी और जानकारी लेते जिला कलेक्टर और अन्य अधिकार
 
जयपुर से लौटा, लेकिन मौत खींच लाई घर तक
एरोन बुधवार सुबह ही जयपुर से लौटा था। वह पांच दिन तक एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने गया था। जयपुर रोड से उतरकर वह घर पहुंचा और अपनी मां किरण से कहा कि वह बांसवाड़ा के मिशन कंपाउंड स्थित अपने घर जा रहा है और 5-7 दिन बाद लौटेगा। किसी को यह आभास नहीं था कि यह उसकी मां से आखिरी बातचीत होगी।



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12वीं कक्षा का छात्र, परिवार को नहीं थी जानकारी
एरोन 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। बांसवाड़ा पहुंचने के बाद उसने अपने बड़े भाई जोएल को बताया कि वह दोस्त से मिलने जा रहा है। शाम को उसका दोस्त विजेंद्र मिला और दोनों बाइक से गांव के लिए निकल पड़े। भगतपुरा गांव के पास ही हादसा हो गया। घर में माता-पिता यह सोचकर निश्चिंत थे कि एरोन बांसवाड़ा में है, जबकि वह सड़क पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था।
 
प्रशासन ने ली हालात की जानकारी
घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव, एएसपी डॉ. राजेश भारद्वाज, डिप्टी गोपीचंद मीणा, कोतवाल रूपसिंह, सदर थानाधिकारी बुधराम बिश्नोई और एसडीएम सोनू कुमारी महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों की स्थिति जानी और परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। घायल युवकों को उदयपुर रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

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