{"_id":"685aa2654b7ec8d92206406b","slug":"maternal-health-services-will-improve-vatsalya-digi-kit-will-be-helpful-banswara-news-c-1-1-noi1402-3095399-2025-06-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"Banswara: वात्सल्य डिजी किट तकनीक अपनाने वाला पहला जिला बना बांसवाड़ा, गर्भवती महिलाओं की डिजिटल जांच संभव","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Banswara: वात्सल्य डिजी किट तकनीक अपनाने वाला पहला जिला बना बांसवाड़ा, गर्भवती महिलाओं की डिजिटल जांच संभव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Tue, 24 Jun 2025 07:02 PM IST
सार
Banswara: बाल स्वास्थ्य एवं प्रजनन अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार भाबोर ने बताया कि वात्सल्य डिजी किट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी, जहां चिकित्सा संसाधन सीमित हैं। इस किट से एएनएम को घर बैठे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने में सुविधा होगी।
विज्ञापन
एएनएम को किट देते जिला कलेक्टर
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
बांसवाड़ा। राजस्थान में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए वात्सल्य डिजी किट का वितरण शुरू किया गया है। यह आधुनिक किट गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इसके माध्यम से हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट जैसी महत्वपूर्ण जांचें की जा सकेंगी। साथ ही, जांच की रिपोर्टें डिजिटल रूप से दर्ज की जा सकेंगी, जिससे समय रहते उपचार और निगरानी सुनिश्चित हो सकेगी।
Trending Videos
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बांसवाड़ा जिले में इस किट के वितरण की शुरुआत की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.एल. ताबियार ने बताया कि इस किट के माध्यम से एएनएम घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच करेंगी। प्राप्त रिपोर्टें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दर्ज की जाएंगी, जिससे महिला की स्वास्थ्य स्थिति का सही मूल्यांकन किया जा सकेगा। इस प्रणाली से महिलाओं को समय पर रेफरल, व्यक्तिगत परामर्श और निरंतर देखभाल की सुविधा सहज रूप से उपलब्ध कराई जा सकेगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
पढ़ें: पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा, ग्रामीणों को मिल रहा एक ही स्थान पर 63 योजनाओं का लाभ
बाल स्वास्थ्य एवं प्रजनन अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार भाबोर ने बताया कि वात्सल्य डिजी किट ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी, जहां चिकित्सा संसाधन सीमित हैं। इस किट से एएनएम को घर बैठे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने में सुविधा होगी। जपाइगो संस्थान के समन्वयक लोकेश शर्मा ने बताया कि किट की सहायता से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान संभव हो सकेगी। इससे उन्हें आवश्यक चिकित्सा सेवाएं समय रहते मिलेंगी, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि यह किट जपाइगो सीआईएफएफ संस्थान द्वारा प्रदान की जा रही है, जो मातृ और नवजात स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
जिले में इस योजना के प्रथम चरण में विभिन्न उप स्वास्थ्य केंद्रों पर वात्सल्य डिजी किट का वितरण किया जा रहा है। ब्लॉक घाटोल में बड़ाना और कुवानिया, ब्लॉक सज्जनगढ़ में जालिमपुरा और चतराखूंटा, ब्लॉक कुशलगढ़ में कोटड़ा राणगा, चूड़ादा और भगतपुरा तथा ब्लॉक तलवाड़ा में झरनिया उप स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया है।