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राजस्थान में क्रूरता की हदें पार: मां ने मुंह में भर दिया फेवीक्विक, गर्म पत्थरों के ढेर पर तड़पता छोड़ गई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा Published by: शबाहत हुसैन Updated Thu, 25 Sep 2025 07:45 PM IST
सार

Bhilwara News: चरवाहे को जंगल में पत्थरों के बीच 10 से 15  दिन का नवजात बच्चा मिला, उसकी स्थिति बहुत खराब थी। नवजात के मुंह में पत्थर डाले गए थे और होंठ फेविक्विक से चिपकाए गए थे ताकि उसके रोने की आवाज सुनाई ना दे। पढ़ें दर्दनाक खबर

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Mother stuffed Feviquick into her baby mouth and left him on a pile of hot stones In Bhilwara Rajasthan
मां की ममता शर्मसार - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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धरती पर मां को ममता की मूरत कहा जाता है, लेकिन भीलवाड़ा जिले से आई एक घटना ने इस शब्द को शर्मसार कर दिया। यहां एक महिला ने अपने 15 दिन के नवजात को मौत के मुंह में धकेलने की नृशंस कोशिश की। उसने बच्चे के मुंह में पत्थर ठूंसकर फेवीक्विक से चिपका दिया ताकि बच्चा रो न सके, और फिर उसे तपती धूप में पत्थरों के बीच जंगल में छोड़ दिया।

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इसी बीच बिजौलिया थाना क्षेत्र के सीता का कुंड मंदिर के पास मवेशी चर रहे ग्रामीणों ने हल्की कराह सुनकर पास जाकर देखा तो पत्थरों के बीच नवजात जीवन और मौत से जूझ रहा था। जैसे ही उन्होंने बच्चे का मुंह साफ किया, मासूम जोर-जोर से रो पड़ा।

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ग्रामीणों ने तुरंत बच्चे को बिजौलिया सरकारी अस्पताल पहुंचाया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश धाकड़ ने बताया कि बच्चा केवल 15-20 दिन का है। उसके मुंह पर फेवीक्विक लगी हुई थी और दाईं जांघ पर जलने के निशान मिले हैं। प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को भीलवाड़ा जिला अस्पताल रेफर किया गया।


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जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. अरुण गोड ने बताया कि शिशु की हालत गंभीर है और उसे आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। शिशु विभाग की प्रभारी डॉ. इंदिरा सिंह की देखरेख में डॉक्टर हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

बाल कल्याण समिति ने इस मासूम को नई जिंदगी देने का संकल्प लिया और उसका नाम तेजस रखा। यह वही बच्चा है जिसे उसकी मां ने मरने के लिए छोड़ दिया था, लेकिन अब डॉक्टरों और समाज की दुआओं से वह जीवन की जंग लड़ रहा है।

हेड कॉन्स्टेबल विजय सिंह ने बताया कि पुलिस आसपास के अस्पतालों का रिकॉर्ड खंगाल रही है और हाल ही में हुई डिलीवरी की जानकारी जुटा रही है। ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन बच्चे के परिजनों का कोई सुराग नहीं मिला है।

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