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Bhilwara News: भैयाजी जोशी बोले- गांवों की परंपराओं से ही सुरक्षित होगा भारत का भविष्य, दिलावर ने क्या कहा?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा
Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो
Updated Sat, 30 Aug 2025 09:16 PM IST
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सार
Bhilwara News: भैयाजी जोशी ने कहा कि प्राचीन समय में गांव आत्मनिर्भर हुआ करते थे और उनकी हर जरूरत गांव में ही पूरी हो जाती थी। औद्योगीकरण ने इस व्यवस्था को कमजोर किया है। वहीं, मदन दिलावर ने कहा कि अगर हमें जिंदा रहना है, तो गौ माता को भी जिंदा रखना होगा।

आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी
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विस्तार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व सरकार्यवाह सुरेश चंद्र (भैयाजी) जोशी ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। उन्होंने कहा कि गांवों की परंपराएं, आत्मनिर्भरता और आपसी सहयोग ही वह ताकत है, जिससे देश का भविष्य सुरक्षित रह सकता है। औद्योगीकरण और आधुनिकता ने समाज को नई दिशा दी है, लेकिन संतुलन खोने से कई संकट खड़े हुए हैं। इसलिए अब जरूरी है कि विज्ञान और प्रकृति के बीच सामंजस्य कायम कर जीवन को संतुलित दिशा दी जाए। शनिवार को आरसीएम वर्ल्ड, भीलवाड़ा में आयोजित सुविचार अभियान की द्वि-दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कहीं।

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‘गांवों की आत्मनिर्भरता ही असली ताकत’
भैयाजी जोशी ने कहा कि प्राचीन समय में गांव आत्मनिर्भर हुआ करते थे और उनकी हर जरूरत गांव में ही पूरी हो जाती थी। औद्योगीकरण ने इस व्यवस्था को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि भारत में कॉर्पोरेट मार्केट आया है, लेकिन कृषि उत्पादन के क्षेत्र में कॉर्पोरेटाइजेशन नहीं हुआ। किसान तभी मजबूत होगा, जब उसकी जमीन और उत्पादन पर उसका नियंत्रण होगा।
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‘प्रकृति से छेड़छाड़ ने बढ़ाए संकट’
उन्होंने कहा कि भारत की जलवायु कश्मीर से कन्याकुमारी तक विविधतापूर्ण है, लेकिन उद्योग प्रधान व्यवस्था ने प्रकृति के साथ अन्याय किया है। भूमिगत जल, नदियां और वायु प्रदूषित हो चुकी हैं। उन्होंने सवाल किया, आज हवा बनाने वाली कोई फैक्ट्री नहीं है, ऐसे में हवा में घुलते जहर से इंसान कैसे बचेगा?
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भैयाजी जोशी ने चेताया कि जब से विज्ञान प्रकृति के विपरीत चला है, समस्याएं बढ़ी हैं। भारतीय चिंतन हमेशा जितनी आवश्यकता उतना ही उपभोग के सिद्धांत पर आधारित रहा है और यही विचार आज दुनिया को भारत से सीखने की जरूरत है।
पर्यावरण संरक्षण पर शिक्षा मंत्री की चिंता
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने चारागाहों के विकास और वृक्षारोपण पर जोर दिया। दिलावर ने कहा कि विलायती बबूल ने राजस्थान की गोचर भूमि को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। पशु इसमें चर नहीं पाते। इसका उन्मूलन करना समय की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि रासायनिक खादों के प्रयोग से धरती माता का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। अगर हमें जिंदा रहना है, तो गौ माता को भी जिंदा रखना होगा। गोबर और गोमूत्र का उपयोग ही धरती और चारागाहों को बचा सकता है।
तुलसी पौधे से हुआ शुभारंभ, जुटे जनप्रतिनिधि
संगोष्ठी का शुभारंभ तुलसी के पौधे में जलार्पण कर किया गया। इस अवसर पर प्रांत कार्यवाह डॉ. शंकर लाल माली, भीलवाड़ा कलेक्टर जसमीत सिंह सिंधु, आरसीएम वर्ल्ड डायरेक्टर तिलोकचंद छाबड़ा, ग्राम विकास सहसंयोजक शंभू गिरी और क्षेत्र संघ चालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने भी विचार व्यक्त किए। मंच पर उपस्थित अतिथियों का परिचय विनोद मेलाना ने दिया, जबकि सुविचार अभियान गीत का वाचन डॉ. परमेश्वर प्रसाद कुमार ने किया। संचालन पोखर गुर्जर और घासीराम ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़, क्षेत्र गो सेवा प्रमुख राजेंद्र पामेचा और क्षेत्र ग्राम विकास संयोजक मुकेश कलवार भी मौजूद रहे।
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जनप्रतिनिधियों में भरतपुर सांसद रंजीता कोली, भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक अशोक कोठारी, डॉ. लालाराम बेरवा, गोपीचंद मीणा, उदयलाल भड़ाना और लादूलाल पितलिया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित रहे।