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Dausa: वकील-तहसीलदार विवाद गर्माया, कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे राजस्वकर्मी, वकीलों ने की निलंबन की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Sat, 23 Aug 2025 10:19 AM IST
सार
लालसोट में वकील और तहसीलदार के बीच जमाबंदी प्रकरण को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार तीसरे दिन भी गहराता गया। वकीलों ने तहसीलदार के निलंबन की मांग को लेकर नारेबाजी की, वहीं पुलिस कार्रवाई नहीं होने से नाराज तहसीलदार व राजस्वकर्मियों ने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे दिया।
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कलेक्ट्रेट के बाहर धरना प्रदर्शन करते राजस्वकर्मी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लालसोट उपखंड अधिकारी द्वारा जारी किए गए स्टे ऑर्डर को जमाबंदी में दर्ज करने को लेकर वकीलों और तहसीलदार के बीच हुआ विवाद तीसरे दिन तूल पकड़ गया। मामला इतना बढ़ा कि तहसीलदार सहित राजस्वकर्मियों ने कामकाज छोड़कर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दे दिया। अधिकारियों ने धरना समाप्त कराने के प्रयास किए लेकिन वे नाकाम ही रहे।
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एक ओर बार एसोसिएशन अध्यक्ष कुंजबिहारी शर्मा ने तहसीलदार पर मनमानी और वकीलों से अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की है। वहीं दूसरी ओर राजस्वकर्मियों का कहना है कि तहसीलदार और उनके कर्मचारियों के साथ हुए दुर्व्यवहार व मारपीट के आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इसी आक्रोश के चलते तहसीलदार और राजस्व विभाग के कर्मचारी कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए।
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तहसीलदार अमितेश मीणा ने बताया कि घटना की रिपोर्ट थाने में सौंपने के तीन घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई। जबकि थानाधिकारी श्रीकिशन मीणा ने पुष्टि करते हुए कहा कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इसी बीच मामले को लेकर आमजन में दिनभर ये चर्चा रही कि यदि तहसीलदार की एफआईआर तीन घंटे में दर्ज नहीं हो सकती, तो आम आदमी की रिपोर्ट पुलिस कितनी गंभीरता से दर्ज करती होगी?
वहीं अधिवक्ता रवि गंगावत, विजेंद्र चेची सहित अन्य वकीलों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने काले कोट में गुंडे जैसी असंवेदनशील भाषा का प्रयोग किया, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, अधिवक्ता कार्य का बहिष्कार जारी रखेंगे।