Rajasthan: सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगने वाला रामवतार चौथी फेल, आठ साल तक बेचा जूस; हेराफेरी से कमाए करोड़ों
Dausa News: दौसा के केसरिपुरा गांव का चौथी फेल रामवतार सैनी सरकारी योजनाओं में साइबर हेराफेरी कर करोड़पति बन गया। झालावाड़ पुलिस ने दीपावली की रात उसे गिरफ्तार किया। इस मामले में 30 आरोपियों से 53 लाख नकदी, फर्जी दस्तावेज और 42 वाहन बरामद हुए।
विस्तार
दौसा के बांदीकुई उपखंड के केसरिपुरा गांव का रहने वाला चौथी फेल रामवतार सैनी कभी झालावाड़ में गन्ने का जूस बेचता था, लेकिन अब वही व्यक्ति सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये की हेराफेरी के आरोप में पुलिस की गिरफ्त में है। दीपावली की रात झालावाड़ पुलिस ने दबिश देकर उसे लाखों की नकदी, 42 वाहन और फर्जी दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया। रामवतार का यह सफर गरीबी से शानो-शौकत तक पहुंचने की साइबर अपराध की चौंकाने वाली कहानी बयां करता है।
आठ साल तक बेचा जूस, फिर सरकारी योजनाओं के ‘सिस्टम’ से खेलने लगा
जानकारी के मुताबिक, करीब आठ वर्ष पहले रामवतार सैनी झालावाड़ में गन्ने की मशीन लगाकर जूस बेचता था। वहीं उसकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जो सरकारी योजनाओं में हेराफेरी के धंधे से जुड़े थे। धीरे-धीरे उसने इस काम में टेक्निकल नॉलेज और संपर्कों का उपयोग कर डेटा में गड़बड़ी करके फर्जी लाभार्थी बनाना शुरू किया। कुछ ही वर्षों में उसने पीएम किसान सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अन्य योजनाओं में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये कमा लिए।
जब साइकिल छोड़ लग्जरी कारों में घूमने लगा रामवतार
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले रामवतार के पास कभी कच्चा घर और जमीन तक नहीं थी। उसके पिता ने मजबूरी में खेत तक बेच दिए थे। लेकिन सरकारी योजनाओं में हेराफेरी से कमाए धन से उसने वही जमीन चार गुना कीमत पर वापस खरीदी और तीनों भाइयों के लिए आलिशान कोठी बनवाई।
पहले कुर्ता-पायजामा और चप्पल पहनने वाला रामवतार अब जींस-टीशर्ट, ब्रांडेड शूज, लग्जरी गाड़ियां और विदेशी पालतू जानवरों का शौकीन हो गया। गांव वालों को भ्रमित रखने के लिए उसने मानपुर में पत्थर काटने की मशीनें भी लगाईं, ताकि लोग समझें कि वह पत्थर के धंधे से पैसा कमा रहा है।
30 गिरफ्तारियां, 53 लाख नकदी जब्त
झालावाड़ पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ करते हुए रामवतार सैनी समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 53 लाख रुपये नकदी, नोट गिनने की मशीन, स्कैनर, एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, फर्जी सरकारी दस्तावेज और 42 वाहन (दो और चार पहिया) जब्त किए। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह ने झालावाड़ से डेटा जुटाकर जोधपुर, कोटा, बूंदी और दौसा जिलों में फर्जी लाभार्थी बनाए और सरकारी खजाने को कई करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
यह भी पढ़ें- Jaisalmer Bus Fire Tragedy: मौत का सिलसिला नहीं थमा, एक और घायल ने तोड़ा दम; मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हुई
11,000 संदिग्ध खातों पर नजर, गिरोह का नेटवर्क MP तक फैला
जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह का नेटवर्क राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश तक फैला हुआ है। पुलिस को 11,000 संदिग्ध बैंक खातों में फर्जी लेन-देन के सुराग मिले हैं। एसपी अमित कुमार ने बताया कि कोर्ट से मिले रिमांड आदेश के बाद पुलिस रामवतार और उसके साथियों से गहन पूछताछ कर रही है। इन खातों को फ्रीज किया जा रहा है ताकि भविष्य की निकासी रोकी जा सके। अब तक तीन करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है और जांच में कई और नाम सामने आने की संभावना है।
‘वो इतना समझदार नहीं कि इतना बड़ा कांड कर सके’
रामवतार की मां शांति देवी का कहना है कि उसका बेटा गांव के स्कूल से तीसरी पास और चौथी में फेल हो गया था। आगे पढ़ाई छोड़ उसने मेहनत-मजदूरी शुरू की थी। मां का कहना है कि रामवतार इतना समझदार नहीं कि इतना बड़ा कांड कर सके। परिवार का कहना है कि उनके बेटे ने गलत संगत में आकर अपराध का रास्ता चुना, जबकि गांव में कोई भी उसकी असली कमाई पर शक नहीं कर सका।
यह भी पढ़ें- थप्पड़बाज SDM छोटूलाल: 'पंप वाले को एक थप्पड़ा मारा है, मुझे तो 10-10 मारते थे', पहली पत्नी पूनम का गंभीर आरोप
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.