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Hanumangarh News: गर्मी व लू से बचाव को लेकर चिकित्सा विभाग की चेतावनी, बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हनुमानगढ़ Published by: हनुमानगढ़ ब्यूरो Updated Sun, 18 May 2025 08:30 PM IST
सार

लू व तापघात के लक्षणों में सिरदर्द, अत्यधिक प्यास, चक्कर, थकावट, पसीना बंद होना, बेहोशी आदि शामिल हैं। इससे बचाव के लिए छायादार स्थान पर विश्राम, पर्याप्त पानी पीना, हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनना, गमछा या छतरी का प्रयोग और खाली पेट बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

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Hanumangarh News: Medical department issued alert regarding protection from heat and heat wave
हनुमानगढ़ जिलें में तेज गर्मी और लू तापघात से बचने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए है। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जिले में अत्यधिक गर्मी के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से फिर से विशेष एहतियात बरतने की अपील की है। इन दिनों बढ़ रही अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से आमजन चपेट में आ सकते हैं, खासकर हाईरिस्क वाले लोगों को ख्याल रखने की जरूरत है। वहीं गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य केन्द्रों पर विशेष सावधानी बरतने की विभाग ने निर्देश दिए हैं।

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सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने सभी अस्पतालों में रोगियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने केे निर्देश पूर्व में दिए हैं, उन्हें एकबार फिर से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि शरीर में लवण और पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना और शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना और बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं।
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चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण, लवण व पानी की आवश्यकता और अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केंद्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाए। रोगी को होश मे आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पन्ना दें। डॉ. शर्मा ने बताया कि यदि उक्त सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जाए, ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।

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डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ और गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें। गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं पेय पदार्थो जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। लू तापघात से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं और शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं।
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