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Jaipur: बैंकॉक से लेकर आए सांप और बिच्छू, जहरीले जीवों से भरे सात डिब्बे बरामद, दो आरोपियों को हिरासत में लिया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Fri, 07 Feb 2025 07:53 PM IST
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सार
राजधानी जयपुर में अंतरराष्ट्रीय तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने बैंकॉक से आई फ्लाइट से तस्करी करके लाए जा रहे जहरीले सांप, बिच्छू और मकड़ियों से भरे 7 प्लास्टिक डिब्बे बरामद किए। इस मामले में दो यात्रियों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।

राजस्थान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बैंकॉक से जयपुर आई एयर एशिया की फ्लाइट से नशे की अंतरराष्ट्रीय तस्करी का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। कस्टम विभाग को मुखबिर से फ्लाइट में आने वाले दो संदिग्ध यात्रियों की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर कस्टम अधिकारियों द्वारा यात्रियों के सामान की स्कैनिंग और जांच की जा रही थी। इसी दौरान दो यात्रियों के बैग में कुछ संदिग्ध वस्तुएं नजर आईं।

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कस्टम अधिकारियों ने जब बैग खोला तो उसमें छोटे-छोटे प्लास्टिक के डिब्बों में जिंदा सांप, बिच्छू और मकड़ियां रखी हुई थीं। ये सभी जहरीले जीव सुरक्षित तरीके से पैक किए गए थे, ताकि वे यात्रा के दौरान उनसे कोई परेशानी नहीं हो। अधिकारियों ने दोनों संदिग्ध यात्रियों को हिरासत में ले लिया है और वन विभाग को इसकी सूचना दे दी है।
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हिरासत में लिए गए दोनों यात्रियों का कहना है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि उनके बैग में क्या सामान था। उनका कहना है कि किसी और ने यह बैग उन्हें सौंपा था और वे सिर्फ इसे लेकर आ रहे थे। हालांकि कस्टम विभाग उनकी यात्रा से जुड़े सभी रिकॉर्ड और फोन कॉल डिटेल्स की जांच कर रहा है।
इन जहरीले जीवों की तस्करी को लेकर कस्टम अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि ये तस्करी नशे के लिए की जा रही हो। क्योंकि विदेशों में नशा करने वाले कई लोग सांपों और जहरीले जीवों के जहर को नशे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सांप के जहर में न्यूरोटॉक्सिन नामक केमिकल होता है जो मस्तिष्क पर असर डालता है और नशे जैसा अहसास कराता है। इस प्रकार के नशे को ओफिडिज्म कहा जाता है, जो बेहद खतरनाक और लत लगाने वाला होता है। इसका नशा कई दिनों तक बना रह सकता है, और लंबे समय तक सेवन करने से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से इस पर निर्भर हो सकता है। विदेशों में कुछ ड्रग माफिया सांपों और बिच्छुओं के जहर को नशे के रूप में बेचने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
बहरहाल, भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और कस्टम कानूनों के तहत इस तरह की तस्करी गंभीर अपराध है। अगर आरोपी दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें लंबी जेल की सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। वन विभाग और कस्टम अधिकारियों की टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन जहरीले जीवों को भारत में लाने का असली मकसद क्या था। जल्द ही इस मामले में नई जानकारियां सामने आ सकती हैं।