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Rajsthan Assembly: एक सितंबर से शुरू हो सकता है मानसून सत्र, जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश होने की संभावना
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: सौरभ भट्ट
Updated Fri, 08 Aug 2025 08:50 AM IST
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सार
राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र एक सितंबर से शुरू हो सकता है। सरकार ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा तो नहीं की है लेकिन इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
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विस्तार
राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र एक सितंबर से शुरू हो सकता है। राज्य सरकार ने मानसून सत्र को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह मानसून सत्र कई मायनों में बेहद अहम रहने वाला है। कांग्रेस के पास सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे हैं। वहीं बीजेपी के पास लंबित विधेयकों की लंबी सूची है। इसके अलावा खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव भी इसी विधानसभा सत्र में रखा जा सकता है। सरकार की प्राथमिकता उन विधेयकों को पारित करवाने की भी रहेगी जो बजट सत्र के दौरान पेश किए गए थे लेकिन विरोध के चलते उन्हें प्रवर समिति को भेज दिया गया था।
ये भी पढ़ें- खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदल कर भर्तृहरि नगर करने जा रही है राज्य सरकार, सीएम ने दी मंजूरी
अब मानसून सत्र में ऐसे विधेयक पारित करवाने के लिए सरकार अपना जोर लगाएगी। हालांकि इसके लिए पहले प्रवर समिति की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी। इनमें राजस्थान कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल, राजस्थान भू राजस्व संशोधन विधेयक और राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक शामिल हैं। संभावना है कि मानसून सत्र में सरकार इन विधेयकों को पारित करवाएगी। इसके अलावा धर्मांतरण विरोधी बिल को लेकर भी सत्र हंगामें दार रह सकता है। मानसून सत्र में सरकार इस बिल को भी चर्चा के लिए रख सकती है। यह बिल 3 फरवरी को पिछले बजट सत्र में विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था लेकिन उस समय चर्चा नहीं हो सकी थी। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की ओर से दिए गए संकेतों के बाद इसे मानसून सत्र में पारित कराने की संभावना जताई जा रही है। धर्मांतरण विरोधी विधेयक में जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त सजा के प्रावधान रखे गए हैं। इसके तहत दोषियों को कठोर दंड दिए जाने का प्रावधान होगा, जिससे राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। सत्र के दौरान विपक्ष भी इन विधेयकों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है ऐसे में सदन में जोरदार बहस देखने को मिल सकती है

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अब मानसून सत्र में ऐसे विधेयक पारित करवाने के लिए सरकार अपना जोर लगाएगी। हालांकि इसके लिए पहले प्रवर समिति की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी। इनमें राजस्थान कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल, राजस्थान भू राजस्व संशोधन विधेयक और राजस्थान भूजल प्राधिकरण विधेयक शामिल हैं। संभावना है कि मानसून सत्र में सरकार इन विधेयकों को पारित करवाएगी। इसके अलावा धर्मांतरण विरोधी बिल को लेकर भी सत्र हंगामें दार रह सकता है। मानसून सत्र में सरकार इस बिल को भी चर्चा के लिए रख सकती है। यह बिल 3 फरवरी को पिछले बजट सत्र में विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था लेकिन उस समय चर्चा नहीं हो सकी थी। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की ओर से दिए गए संकेतों के बाद इसे मानसून सत्र में पारित कराने की संभावना जताई जा रही है। धर्मांतरण विरोधी विधेयक में जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त सजा के प्रावधान रखे गए हैं। इसके तहत दोषियों को कठोर दंड दिए जाने का प्रावधान होगा, जिससे राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। सत्र के दौरान विपक्ष भी इन विधेयकों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है ऐसे में सदन में जोरदार बहस देखने को मिल सकती है