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नीरजा मोदी स्कूल हादसा: परिजनों में उबाल, बोले- अमायरा ने पांच बार मांगी थी मदद, पर किसी शिक्षक ने नहीं सुनी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Thu, 20 Nov 2025 03:46 PM IST
सार
नीरजा मोदी स्कूल में नौ वर्षीय अमायरा की संदिग्ध मौत पर कार्रवाई न होने से अभिभावकों में आक्रोश बढ़ा है। संयुक्त अभिभावक संघ और परिवार ने जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए 22 नवंबर को शहीद स्मारक पर विशाल विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च का आह्वान किया है।
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अमायरा संदिग्ध मौत जांच को लेकर अभिभावकों में आक्रोश।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मानसरोवर स्थित नीरजा मोदी स्कूल में नौ वर्षीय अमायरा मीणा की एक नवंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के 20 दिन बीत जाने के बाद भी निष्पक्ष जांच न होने से अभिभावकों में जबरदस्त आक्रोश है। संयुक्त अभिभावक संघ ने मंगलवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता आयोजित की, जिसमें पहली बार अमायरा के माता–पिता और परिजन भी सामूहिक रूप से शामिल हुए। इस दौरान अमायरा के पिता विजय कुमार मीणा और माता शिवानी देव मीणा ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई साधारण दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित अनदेखी और प्रशासनिक असंवेदनशीलता का परिणाम है।
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अभिभावकों ने बताया कि अमायरा लंबे समय से स्कूल में लगातार बुलिंग का शिकार थी। शिकायतों के बावजूद स्कूल प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। माता–पिता के अनुसार घटना वाले दिन अमायरा ने अंतिम 30 मिनट में पांच बार शिक्षिका से मदद मांगी पर उसे डांटकर या अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि घटना के बाद क्राइम सीन को धोना और नौ दिन बाद अमायरा का बैग जब्त करना जांच की मंशा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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इसी संदर्भ में संयुक्त अभिभावक संघ, अमायरा के परिजन और प्रदेश के अभिभावकों ने घोषणा की कि 22 नवंबर को दोपहर 2 बजे शहीद स्मारक, गवर्नमेंट हॉस्टल पर विशाल विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च आयोजित किया जाएगा। उनका कहना है कि किसी भी बच्चे को स्कूलों में असुरक्षित महसूस नहीं होना चाहिए और अभिभावकों की एकजुटता ही निजी स्कूलों की मनमानी रोक सकेगी।
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संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस, शिक्षा विभाग, सीबीएसई और एनसीपीसीआर की जांच धीमी, पक्षपाती और स्कूल प्रबंधन के इशारे पर चल रही है। उन्होंने मांग की कि जांच समिति में अभिभावक प्रतिनिधि को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। वहीं, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि स्कूल ने कई गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है, जिसमें सीसीटीवी रिकॉर्ड सुरक्षित न रखना, एंटी-बुलिंग कमेटी का न होना और सबूत नष्ट करना शामिल है। उन्होंने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग उठाई। अंत में अभिभावकों ने एक स्वर में कहा “अमायरा को न्याय दो, दोषियों को सजा दो और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करो।”