Jaipur News: जयपुर डिस्कॉम का एक्शन, करौली-धौलपुर-कोटा-भिवाड़ी में 430 करोड़ बिजली बकाया वसूली मुहिम
बकाया राजस्व वसूली को लेकर जयपुर डिस्कॉम ने सर्वाधिक बकाया वाले विद्युत खंडों को चिन्हित कर विशेष कार्ययोजना बनाई है। गौरतलब है कि करौली-धौलपुर-कोटा-भिवाड़ी सहित अन्य स्थानों पर लगभग 430 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली बकाया लंबित है।
विस्तार
जयपुर डिस्कॉम ने बकाया राजस्व की वसूली को लेकर अपनी रणनीति को और अधिक सख्त करते हुए प्रदेश के करौली, धौलपुर, कोटा और भिवाड़ी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में फोकस बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों सहित अन्य स्थानों पर कुल 430 करोड़ रुपये से अधिक का विद्युत बकाया लंबित है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए डिस्कॉम ने सर्वाधिक बकाया वाले 10 विद्युत खंड और 20 विद्युत उपखंडों को चिन्हित किया है, जहां शत-प्रतिशत राजस्व संग्रहण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
डिस्कॉम की चेयरमैन आरती डोगरा ने शनिवार को विद्युत भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इन 20 विद्युत उपखंडों के सहायक अभियंताओं के साथ राजस्व वसूली की गहन समीक्षा की। बैठक में संबंधित अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता भी शामिल हुए। समीक्षा में बताया गया कि इन 20 उपखंडों में करीब 1.11 लाख उपभोक्ताओं पर 193 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जबकि 10 विद्युत खंडों में 1.89 लाख उपभोक्ताओं पर लगभग 237 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लंबित है।
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चेयरमैन आरती डोगरा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं से संवाद बढ़ाने के लिए अभियंता शिविरों का आयोजन किया जाए और समझाइश व सैटलमेंट के माध्यम से अधिकतम राजस्व संग्रहण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नोटिस जारी करने के बावजूद जिन मामलों में भुगतान नहीं हो रहा है, उन्हें लोक अदालत के जरिए निस्तारित कराया जाए।
जहां संगठित रूप से उपभोक्ता बकाया चुकाने को तैयार नहीं हैं, वहां कनेक्शन विच्छेद करने, ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइन हटाने जैसे सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं। विशेष रूप से 50 हजार रुपये और 1 लाख रुपये से अधिक बकाया वाले मामलों में शत-प्रतिशत वसूली का लक्ष्य तय किया गया है।
इसके साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से संयुक्त वसूली अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया है। जिन उपभोक्ताओं को पीडीसी घोषित करने के प्रकरण लंबित हैं, उनमें शीघ्र निर्णय लेकर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य डिविजनों और सब-डिविजनों में भी बकाया वसूली की नियमित मॉनिटरिंग के लिए जोनल मुख्य अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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