Rajasthan Assembly Spy Cam Row: 'जासूसी' पर बवाल: गहलोत ने स्पीकर देवनानी पर लगाए गंभीर आरोप, जांच की मांग की
Rajasthan Assembly Spy Cam Row: राजस्थान विधानसभा में दो अतिरिक्त कैमरे लगाने पर बवाल, अशोक गहलोत ने स्पीकर वासुदेव देवनानी पर लगाए गंभीर आरोप। कहा— विपक्ष की जासूसी हो रही है, यह बहुत बड़ा क्राइम है। मामले की जांच की मांग की गई है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी इस मामले को लेकर विधानसभा में सरकार को घेर चुके हैं।

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Rajasthan Assembly Spy Cam Row: राजस्थान विधानसभा में लगे 2 अतिरिक्त कैमरों को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बाद अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी इस मामले को लेकर स्पीकर वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को पीसीसी पहुंचे गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्ष की बेंच की ओर दो एक्स्ट्रा कैमरे लगाए गए, और उनका कंट्रोल सिस्टम सीधे स्पीकर के चैंबर में रखा गया है। यह गोपनीयता का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि "बहुत बड़ा क्राइम" है।

गहलोत बोले पूरे मामले की जांच हो
गहलोत ने स्पीकर पर सवाल उठाते हुए कहा कि —“आपको क्या अधिकार है कि आप अलग से कैमरे लगा दें और उसकी फुटेज सिर्फ स्पीकर या उनके प्राइवेट सेक्रेटरी देख सकें? यह बहुत गंभीर मामला है। राज्यपाल को इस पूरे मामले की जांच करानी चाहिए।” गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि हाउस एडजर्न होने के बाद जब विधायक आपस में अनौपचारिक बात कर रहे थे, तब भी उन बातों को रिकॉर्ड कर डिबेट में इस्तेमाल किया गया। उन्होंने डोटासरा प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे बयानों को आधार बनाकर माननीय सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।
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बोले-डोटासरा वाला मामला यही था
उन्होंने कहा- जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से या जब डिबेट होती है उसे यूट्यूब के माध्यम से सब देख सकते हैं कि कौन क्या बोल रहा है। पर आप अलग कैमरा लगा दो विपक्ष की तरफ, क्या बात कर रहे हैं वो आपस के अंदर, क्या नहीं कर रहे हैं और पूरा स्पीकर के पास में खबर पहुंचती जाए, डोटासरा वाला मामला था यही तो था। उस समय हाउस एडजर्न था। आप इनफॉर्मल कई बार बात करते हैं, जुमला बोल देते हैं। ये क्या कांग्रेस वाले क्या बीजेपी वाले बोल देते हैं तो क्या आप उन जुमलों को ले के जो हाउस में प्रोसेसिंग में बोला नहीं गया है तब भी आप उसको ले के आप ऐसे कमेंट करवा दो डोटासरा जी पर, ये तो एमएलए बनने लायक ही नहीं है । गहलोत बोले कि स्पीकर के पास क्या अधिकार है कि माननीय सदस्य की गैर मौजूदगी में उन्हें लेकर डिबेट करवा दी। डिबेट में कोई बीजेपी वाले एमएलए कह रहे हैं 5 साल के लिए निकाल दो, कोई कह रहे हैं कि चार साल के लिए निकाल दो। ये जो माहौल बनाया हाउस के अंदर मैं समझता हूं उचित नहीं है। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के लोग गवर्नर के पास गए थे अब इस मामले की जांच होनी चाहिए कि वास्तव में कैमरे क्यों लगाए गए और कैमरों का भुगतान किसने किया।