Rajasthan: जल जीवन मिशन में 125 करोड़ का कथित घोटाला; सात अधिकारियों को नोटिस, गहलोत पर गोठवाल के गंभीर आरोप
Jaipur News: जल जीवन मिशन में कथित 125 करोड़ के भ्रष्टाचार पर PHED ने सात अधिकारियों को नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की। विधायक गोठवाल ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर शह देने का आरोप लगाया। अधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है, नहीं तो एकतरफा कार्रवाई होगी।
विस्तार
राजस्थान में जल जीवन मिशन से जुड़े कथित 125 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा प्रदेश महामंत्री और खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों ने ‘गहलोत की शह पर भ्रष्टाचार किया’। उन्होंने दावा किया कि मामले में एक मंत्री पहले ही जेल में है और ‘बहुत जल्द इसकी आंच पूर्व मुख्यमंत्री तक भी पहुंच सकती है’।
PHED ने सात अधिकारियों को थमाया नोटिस
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) ने जल जीवन मिशन में अनियमितताओं और लापरवाही के आरोपों पर कार्रवाई करते हुए सात अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। राजस्थान सिविल सेवा नियम-16 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। आरोप पत्र और संबंधित दस्तावेज अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं।
नोटिस पाने वाले अधिकारियों में अधिशाषी अभियंता हरज्ञान लाल मीना,
तत्कालीन सहायक अभियंता सरजन सिंह मीना, गीताराम मीना, विकास कुमार मीना, कनिष्ठ अभियंता कन्हैया लाल बैरवा, राजेश चन्द मीना,
खण्डीय लेखाकार हरिमोहन मीना और खण्डीय लेखाधिकारी-प्रथम मुकेश कुमार मीना शामिल हैं।
गोठवाल की लगातार उठाई गई पहल का असर
विधायक जितेंद्र गोठवाल ने विधानसभा में प्रश्नों के जरिए और विधायक दल की बैठकों में इस मामले को बार-बार उठाया था। इसके बाद जलदाय मंत्री कनहैया लाल चौधरी ने कमेटी गठित कर जांच शुरू करवाई, जिसके परिणामस्वरूप यह कार्रवाई सामने आई है।
खंडार की जनता को मिल सकती है जल संकट से राहत
खंडार क्षेत्र लंबे समय से जल संकट से जूझ रहा था। विभाग का कहना है कि मामलों की जांच के साथ-साथ क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारू करने की तैयारियां भी तेजी से हो रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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15 दिन में जवाब नहीं तो होगी एकतरफा कार्रवाई
सातों अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्धारित समय में जवाब नहीं आने पर विभाग एकतरफा कार्रवाई करेगा। साथ ही सभी को राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम–1971 के नियम–24 का पालन करने की चेतावनी दी गई है, जिसके तहत किसी भी राजनीतिक या बाहरी दबाव के उपयोग पर प्रतिबंध है।
जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों का साथ देने वालों पर भी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व नजर रखे हुए है और उचित समय पर कदम उठाए जाएंगे।
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