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Rajasthan: लोकसभा में CAG रिपोर्ट से खुलासा, रिएक्टर साइट पर रेडियोधर्मी कचरे के भंडारण में गंभीर लापरवाही

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Fri, 19 Dec 2025 09:04 AM IST
सार

Rajasthan News: लोकसभा में पेश सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भारी मात्रा में रेडियोधर्मी कचरा सितंबर 2024 तक कोटा स्थित क्षेत्रीय केंद्र के भंडारगृह में पड़ा रहा, जो सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है

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Rajasthan News:  CAG Flags Serious Lapses in Radioactive Waste Management at Rajasthan Atomic Power Project
CAG रिपोर्ट में राजस्थान रिएक्टर साइट पर रेडियोधर्मी कचरे के भंडारण में गंभीर लापरवाही उजागर - फोटो : अमर उजाला
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 भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट (RAPP) की कोबाल्ट सुविधा में रेडियोधर्मी कचरे के भंडारण और निस्तारण को लेकर गंभीर लापरवाही की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1998 से सुरक्षा दिशानिर्देश लागू होने के बावजूद अत्यधिक रेडियोधर्मी कचरे की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है।

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लोकसभा में गुरुवार को पेश की गई CAG की ताजा रिपोर्ट में एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) द्वारा नवंबर 2022 में किए गए निरीक्षण का हवाला दिया गया है। निरीक्षण के दौरान राजस्थान रिएक्टर साइट स्थित राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट की कोबाल्ट सुविधा के स्टोरेज पूल में बड़ी मात्रा में अत्यधिक रेडियोधर्मी कचरे के जमा होने की बात सामने आई।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि AERB की अगस्त 1998 की सुरक्षा गाइडलाइंस के अनुसार प्लांट प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि संयंत्र में उत्पन्न होने वाले रेडियोधर्मी कचरे का उचित संग्रह, भंडारण, हैंडलिंग और निस्तारण स्वीकृत प्रक्रियाओं के तहत किया जाए। इसके बावजूद नवंबर 2022 के निरीक्षण में नियमों की अनदेखी उजागर हुई।


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इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट की कोबाल्ट सुविधा ने जनवरी 2023 में बताया था कि संयंत्र में उत्पन्न समस्त अत्यधिक रेडियोधर्मी कचरा राजस्थान रिएक्टर साइट स्थित सेंट्रलाइज्ड वेस्ट मैनेजमेंट फैसिलिटी में निस्तारित किया जाता है। हालांकि, वहां क्रेन उपलब्ध न होने के कारण समय पर कचरे का निस्तारण नहीं हो सका।

CAG की ऑडिट रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि नवंबर 2022 में AERB द्वारा आपत्ति जताए जाने के बावजूद मार्च 2025 तक रेडियोधर्मी कचरे की कुल मात्रा 180 यूनिट से बढ़कर 231 यूनिट हो गई। अक्टूबर 2023 में बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी ने बताया था कि राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट की कोबाल्ट सुविधा में पूरे वर्ष बड़ी मात्रा में कोबाल्ट-60 का प्रसंस्करण किया जाता है और ठोस कचरे का निस्तारण राजस्थान रिएक्टर साइट के समन्वय से किया जा रहा है।

रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई है कि वर्ष 1998 से स्पष्ट दिशा-निर्देश लागू होने के बावजूद भारी मात्रा में रेडियोधर्मी कचरा सितंबर 2024 तक कोटा स्थित क्षेत्रीय केंद्र के भंडारगृह में पड़ा रहा, जो सुरक्षा मानकों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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